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Saturday, February 22, 2025
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ज्योतिष पद्धति सही है-तो इसमें दोष क्यों?

एस्ट्रो सुमित विजयवर्गीय

ज्योतिष मे जब भविष्य की गणनाए गलत होती है तब लोगो का आक्षेप सीधे ज्योतिष पर ही जाता है। जबकि ऐसा नहीं है विधा का प्रयोग करने वाला गलत हो सकता है, गणना मे गलती हो सकती है लेकिन विधा गलत नहीं है। हमारे महिर्षीयो ने किसी भी गणना करने के लिए विभिन्न चरणों से गुजरने को बताया है लेकिन प्रायः ज्योतिष का जानकार ऐसा नहीं कर पाता है। वह केवल और केवल लग्न कुंडली से ही विचार करना प्रारम्भ कर देता है।

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सर्वप्रथम पूछने वाले व्यक्ति को उचित समय, उचित स्थान एवं विन्रमता से पूछना चाहिए और बताने वाले को चाहिए कि वह भगवान की कृपा से बताए, प्रच्छक के गुण और शुभ शकुनो का विचार करें ज़ब प्रच्छक प्रवेश करें या बात करें उसके आचार विचार व स्वर का ज्ञान कर ले व अपना स्वर का ज्ञान करें। जो बताने वाला हो उसकी एकाग्रता अच्छी हो व पूछने वाले की विन्रम हो व क्रोधी न हो।

उसके बाद astrologer को चाहिए कि वह कुंडली के सभी भाव व वर्गों का अध्यन करें। सभी प्रकार से गोचर एवं वेध का परीक्षण करें। नक्षत्र पर चल रहे ग्रहो की स्थिति का ध्यान रखे। गोचर मे अष्टकवर्ग का पूर्ण विचार करें बलाबल देखें।दशाओ से गोचर का समन्वय कर ले। दशा स्वामी के गोचर का विचार करें। गोपुर आदि नवमांश का परीक्षण करें। आशाबल व अयन बल पर ध्यान दे।

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यह बल भी व्यक्ति को धन एवं प्रसिद्धि देते है। ग्रहो की उच्च, निम्न, अस्त, वक्री स्थितियो पर ध्यान दे।आत्मा आदि कारको अध्यन करें। तब गणना मे गलती कम होंगी। उसके पश्चात ही पराशर आदि ऋषियों द्वारा बताए गए उपाय व नियम का प्रयोग सफल सिद्ध होगा।

और ज्योतिषी व ज्योतिष दोनों का मान रहेगा। astrologer के लिए यह भी आवश्यककि शत्रु की गणना करते समय निष्पक्ष रहे।
Astro sumit vijayvergiy
Mob.-09910610461
-07088840810

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