Diwali 2024: दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस के दिन से शुरू होता है. धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इन पांच दिनों में भक्तों को न केवल देवी-देवताओं की पूजा करने से लाभ मिलता है, बल्कि इस दौरान दान का भी बहुत महत्व होता है। पद्म पुराण में भगवान शिव अपने पुत्र कार्तिकेय को बताते हैं कि धनतेरस के 5 दिनों में किन चीजों का दान करना चाहिए।
दिवाली के त्योहार पर क्या करें?
बता दें कि, महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखित पद्म पुराण में भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय के बीच बातचीत का उल्लेख है। कार्तिकेय शिव से पूछते हैं कि दिवाली के त्योहार पर क्या करना चाहिए। इसके जवाब में भगवान शिव कहते हैं कि कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। इसमें पांच दिन बहुत शुभ माने जाते हैं, ये पांच दिन धनतेरस से लेकर भाई दूज तक आते हैं। अर्थात कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के बीच जो भी व्यक्ति दान करता है, उसे अक्षय फल की प्राप्ति होती है, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।
धनतेरस
पद्म पुराण में भगवान शिव कहते हैं कि धनतेरस के दिन यमराज के लिए दीप दान करना चाहिए, इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। यमराज को दीप दान दक्षिण दिशा में किया जाता है। अर्थात आप इस दिन अपने घर की दक्षिण दिशा में यमराज के लिए दीप जला सकते हैं। यह दीप जलाते समय आप “मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामाय सह। त्रयोदश्याम दीपदानात सूर्यजः प्रियतम मम” मंत्र का कम से कम 3 बार जाप कर सकते हैं।
नरक चतुर्दशी
पद्म पुराण में भगवान शिव बताते हैं कि जो व्यक्ति नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करता है, उसे मृत्यु के बाद नरक नहीं भोगना पड़ता। इसलिए इस दिन सुबह स्नान अवश्य करना चाहिए। इस दिन सरसों के तेल का दान करने से कई आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
दीपावली
पद्म पुराण में वर्णित है कि दिवाली के दिन ब्रह्ममुहूर्त में और प्रदोष काल में भी देवी लक्ष्मी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही पितरों के लिए पूजा और दान करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।
गोवर्धन पूजा
इस दिन गोवर्धन महाराज और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इन दोनों की पूजा करने के साथ ही आपको इस दिन बाजरा, चावल आदि का दान करना चाहिए। इससे आपको भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। गोवर्धन पूजा के दिन दान करने से आपको मानसिक शांति का अनुभव भी होता है।
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