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सितारों के बंधन में गौतम अडानी: कुंडली में दिखते भविष्य के संकेत

एस्ट्रो सुमित विजयवर्गीय

अमेरिकी कोर्ट से धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोप के बाद गौतम अडानी को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया है। जिससे धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोपों में घिरे गौतम अडानी की नेटवर्थ को भी काफी नुकसान हुआ है। वह फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ लिस्ट में नीचे आ गए हैं। जिससे कई देश व्यापार करने मे भी हिचकने लगे है। अब हम जानते है क्या कहते गौतम अडानी के सितारे।

गौतम अडानी – लग्न कुंडली
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प्राप्त विवरण के अनुसार गौतम अडानी का जन्म वृष लग्न व कुम्भ राशि मे हुआ है। लग्न मे बुध पंचमेश व द्वितीयेश होकर द्वितीय भाव के नवमांश मे है जो स्वयं ही व्यापार के भाव को देखता है, बुध स्वयं कमीशन एजेंट व व्यापार का कारक ग्रह है जोकि उन्हें बुद्धि, वाणी के प्रबल कारकत्व के साथ व्यापार मे प्रवीण बनाता है साथ ही सभी जानते है कि उन्होंने अपना प्रारम्भ कमीशन एजेंट के रूप मे किया था। लेकिन बुध के बल के कारण एक साधरण एजेंट से बड़े व्यापारी तक का सफर तय कर लिया। बुध कि स्थिति दशमांश कुंडली मे भी बहुत अच्छी है जोकि चन्द्रमा की राशि जोकि समुद्र, जल, आयात निर्यात का कारक है।

गौतम अडानी – दशमांश कुंडली

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द्वितीय भाव मे बुध की राशि मे सूर्य की स्थिति चतुर्थेश होकर धनु नवमांश मे व सिंह दशमांश मे है जिसके कारण सरकार से नज़दीकिया व प्रमुख व्यापारी के रूप मे पहचान मिलती है।

गौतम अडानी नवमांश कुंडली

लग्नेश व षष्ठेश शुक्र राहु के साथ तृतीय भाव व वृश्चिक नवमांश मे है जोकि उन्हें समुद्र व समुद्र के पार का व्यापारी बनाता है, चूकि राहु बंधन, आरोप का भी कारकत्व रखता है के साथ है जिसके कारण जीवन मे ऐसी समस्याए अवश्य उत्पन्न करेगा व आती रहेगी। शुक्र स्वयं शनि के नक्षत्र मे है जोकि एक क्रूर ग्रह भी है।

मंगल सप्तमेश व व्ययेश होता हुआ व्यय मे है जोकि स्व नवमांश वृश्चिक मे है जिसके कारण देश विदेश से व्यापार का योग बनाता है लेकिन व्यय मे होने से बंधन व दण्डात्मक कार्यवाही भी जीवन मे देगा।

अष्टमेश व एकादशेश गुरु कुम्भ मे चन्द्रमा के साथ स्व नवमांश मीन मे धनी व्यापारी बनाता है लेकिन चूकि अष्टमेश भी है मान सम्मान को घाटाएगा भी। गुरु स्वयं राहु के नक्षत्र मे है। चन्द्रमा कि स्थिति दशम भाव मे कुम्भ राशि व वृष नवमांश मे है जोकि उच्चस्तरीय व्यापारी बना रहा है। शनि व केतु नवम भाव मे है जोकि उनके द्वितीय भाव के नवमांश मे होते हुए एक धनी योग बनाते है।

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अभी अडानी जी की शुक्र महादशा मे 8-feb-2022 से 8-feb-2025 तक राहु की अंतरदशा चल रही है। जोकि उनके लिए बिल्कुल अच्छी नहीं है पहले भी वह इसी अंतरदशा मे परेशनीयों मे आए थे।

शनि का गोचर उनके चन्द्रमा पर चल रहा है वहाँ अष्टकवर्ग मे 30 बिंदु है जोकि शुभ है लेकिन गोचर ख़राब है सर्वअष्टकवर्ग मे 3 बिंदु ही आते है जिसके कारण शनि के अशुभ प्रभाव मे कुछ न्यूनता बनती है। गुरु वृष राशि मे गोचर कर रहा है जोकि कुम्भ से चतुर्थ है वहा अष्टकवर्ग मे 29 बिंदु है व सर्वअष्टक वर्ग मे 6 बिंदु होने से गुरु भी अपना पूर्ण अशुभ फल नहीं दिखा पा रहा है। राहु का गोचर मीन राशि मे है जोकि 33 बिन्दुओ से युक्त है।

शनि आगे मीन मे जाएगा व राहु कुम्भ मे आएगा व गुरु मिथुन राशि मे जाएगा जहाँ केवल 21 ही बिंदु है। व आगे आने वाली अंतरदशा गुरु की रहेगी यह तृतीयेश व अष्टमेश की अंतरदशा रहेगी जिसके कारण यह परेशनीयों मे किसी न किसी रूप मे पड़े रहेंगे। गौतम अडानी जी को हार्दिक कदम फूक फूककर रखने की आवश्यकता है। मंगल का गोचर शुक्र व राहु पर कष्टकारी है जोकि 7-dec-2024 को वक्री होकर अधिक परेशनी ही देगा।

द्वितीय मे सूर्य, द्वादश मे मंगल नवम भाव मे शनि व केतु की उपस्थिति बंधन योग बनाती है। अतः मजिस्ट्रेट आदि के सामने बांड आदि व अन्य बंधन अवश्य होने के योग बनते है ।

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