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Friday, November 22, 2024
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Importance of Ketu in Astrology: मोक्ष, स्वास्थ्य, व्यक्ति के जीवन, भोग-विलास और आध्यात्मिकता का कारक

एस्ट्रो सुमित विजयवर्गीय

वैदिक ज्योतिष में केतु को आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष तथा तांत्रिक विद्या (Spirituality, detachment, salvation and Tantric knowledge) कारक माना गया है। ज्योतिष में केतु (Ketu) को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन धनु केतु की उच्च राशि है, जबकि मिथनु में यह नीच होता है।

हमारे चल रहे व्यवसाय मे अचानक बदलाब आ जाता है हम जॉब होटल की कर रहे होते है और बैंक Job मे चले जाते है, पेशे से doctor होते है और करने लगते है property से जुड़े काम, होते है नौकरी मे और बन जाते है नेता, नौकरी कर रहे होते है बस कंडक्टर की और नौकरी छोड़कर बन जाते है व्यापरी। बार बार स्थान परिवर्तन, जैसा की बड़े अधिकारियो के साथ होता है बार बार आवास परिवर्तन, बहुत अच्छा तर्क देने की क्षमता, हर समय कपट की भावना यह सब केतु का प्रभाव है।

केतु ग्रह से इन बातो पर भी विचार किया जाता है (These things are also considered from Ketu)

चंडीश्वर, गणेश आदि देवताओं की उपासना, डॉक्टर, कुत्ता, मुर्गा, गिद्ध, हर प्रकार का ऐश्वर्य, क्षयरोग, पीड़ा, महान ज्वर, गंगा स्नान, महानतप, वायुविकार, स्नेह, सम्पदा का प्रदान, पत्थर, घाव, मन्त्रशास्त्र, चंचलता, ब्रह्मज्ञान, कुक्षि, आँख का दर्द, अज्ञानता, कांटा, मृग, आत्मज्ञान, मौनव्रत, वेदांत, सब प्रकार के भोग विलास, भाग्य, शत्रु पीड़ा, विरक्ति, दादा, भूख, पेट मे तीव्र पीड़ा, फोड़े फुंसी, सींगो वाला पशु, शिव के दास, बंधन की आज्ञा को रोकना, शूद्र सभा, ध्वज। यह मंगल की भांति कार्य करता है। यह चोट पहुंचाने, दुर्घटना मे पूर्ण सक्षमता रखता है। यह व्यक्ति को महान भी बना देता है। स्वक्षेत्री शुक्र के साथ के साथ यह व्यक्ति को बहुत धनी बना देता है। तृतीय भाव मे यह बहुत शौर्य प्रदान करता है। यह गुरु के साथ षष्ठ स्थान मे शत्रु देता है।

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केतु ग्रह मंत्र: (Ketu Graha Mantra)

केतु देव के बुरे प्रभावों को दूर करने और केतु का आशीर्वाद पाने के लिए आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं:

केतु पौराणिक मन्त्र: ॥ ॐ केतवे नमः ॥
Ketu Puranik Mantra: ॥ Om Ketave Namah ॥

केतु बीज मंत्र: ॥ ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम: ॥
Ketu Beeja Mantra: ॥ Om Shran Shreen Sraun Sa: Ketve Namah: ॥

केतु गायत्री मंत्र: ॥ ॐ धूम्रवर्णाय विद्महे, सर्प रूपया धिमहि, तन्नो केतु प्रचोदयत ॥
Ketu Gayatri Mantra: ॥ Om Dhumravarnaya Vidmahe, Sarpa Roopaya Dhimahi Tanno Ketu Prachodayat ॥

Astro sumit vijayvergiy
9910610461,7088840810

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