Narak Chaturdashi: नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। वर्ष 2024 में नरक चौदस का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष पूजा और स्नान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसका उद्देश्य बुरी ऊर्जा को दूर करना और पवित्रता प्राप्त करना है। यह दिन भगवान कृष्ण और नरकासुर के वध से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन माता काली, शिव, हनुमान और यमदेव की पूजा करने से भी आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है, तो चलिए जानते हैं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा?
नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त
इस बार नरक चतुर्दशी का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:41 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा। 31 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि पर अभ्यंग स्नान सुबह 5:33 बजे से 6:47 बजे के बीच किया जाएगा।
क्या है पूजा विधि?
प्रातः स्नान: इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उबटन और तिल के तेल से स्नान करें। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से कई शुभ फल प्राप्त होते हैं।
दीप जलाना: स्नान के बाद घर के मुख्य द्वार और अन्य स्थानों पर दीपक जलाएं। ऐसा करने से आप नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में सफल होते हैं। इसके साथ ही दीपक जलाने से न केवल भगवान बल्कि आपके पूर्वज भी प्रसन्न होते हैं।
ईश्वर की पूजा: इस दिन पूजा स्थल पर दीपक, धूपबत्ती आदि जलाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण, माता काली और यमराज की पूजा करें। नरकासुर के वध में श्रीकृष्ण ने देवी काली का आह्वान किया था। यमराज के लिए दीपक जलाकर घर के बाहर रखें, जिसे यम दीप कहते हैं।
नैवेद्य चढ़ाएं: पूजा के दौरान देवताओं को मिठाई, फल और अन्य प्रसाद अवश्य चढ़ाएं।
प्रार्थना और मंत्र: पापों से मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। पूरे परिवार के कल्याण के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें। आप भगवान कृष्ण, माता काली, हनुमान जी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इसके साथ ही इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी विशेष लाभ मिलता है।