शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें और पीपल के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें। ऐसा करने से आपके घर से दरिद्रता दूर होगी और माता लक्ष्मी का वास रहेगा। इसके अलावा सुबह पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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पीपल के पेड़ की पूजा विधि
- शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि करके पीपल के पेड़ की पूजा करें।
- पीपल के पेड़ के साथ शनिदेव की भी पूजा करें।
- इसके बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं।
- अब पीपल के पेड़ के कुछ पत्ते तोड़कर उन्हें गंगाजल से धो लें।
- फिर पानी में थोड़ी हल्दी मिलाकर पीपल के पत्ते पर दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से ह्रीं लिखें।
- इसके बाद इस पीपल के पत्ते को पूजा स्थल पर रखें और इसकी पूजा करें।
- पूजा के बाद पत्ते को अपने पर्स या तिजोरी में रख लें। इस उपाय को करने से धन-धान्य में समृद्धि आती है।
व्यापार में वृद्धि के लिए करें उपाय
अगर आपका व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है और आपके काम की गति धीमी पड़ गई है तो शनिवार के दिन एक पीपल का पत्ता लें और उसे साफ पानी से धोकर उस पत्ते पर चंदन से स्वास्तिक बनाएं और अपने व्यापार में वृद्धि के लिए ध्यान करें। फिर इस पत्ते को अपनी तिजोरी या जहां भी आप पैसे रखते हैं, वहां रख दें। यह उपाय लगातार 7 शनिवार तक करें। अगले शनिवार को तिजोरी से पुराना पत्ता निकालकर नया पत्ता रख दें और पुराने पत्ते को नदी में प्रवाहित कर दें।
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