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ABS वाली बाइक या बिना ABS सस्ती बाइक खरीदना ही है सही, जानें एबीएस के फायदे

ABS: बिना एबीएस वाली बाइक सस्ती आती हैं। लेकिन इनमें ब्रेक लगाने पर वहान धीरे-धीरे रुकता है। अचानक ब्रेक लगाने पर बाइक स्लीप होने का खतरा रहता है।

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Hero bikes with ABS: बाइक चलाते हुए हमारा उस पर फुल कंट्रोल होना चाहिए नहीं तो एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है। इंडियन में सबसे ज्यादा टू व्हीलर चालकों की सड़क हादसों में मौत होती है। इनमें ऐसे वाहन करीब 35 फीसदी ज्यादा होते हैं जिनमें एबीएस सिस्टम नहीं होता। एबीएस या एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम ऐसा फीचर है जो राइडर को दोनों टायरों पर एक्ट्रा कंट्रोल महसूस करवाता है। यह तेज स्पीड में अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में बाइक या स्कूटर को कंट्रोल रखता है।

ऐसे काम करता है एबीएस

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ऑटोमोबाइल इंजीनियरों के अनुसार एबीएस सिस्टम में स्‍पीड सेंसर,  हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट और ईसीयू एक साथ काम करता है। ब्रेक लगाने पर यह जानकारी सेंसर से ईसीयू में जाती है। जिससे सिस्टम रीड करता है कि वाहन की रफ्तार कितनी है और ब्रेक Distribution करके टायरों को रोकता है। यह हमारी फैमिली के लिए सेफ सिस्टम है। अब लगभग सभी कंपनियां अपने वाहनों में एबीएस देती हैं।

बाइक पर मिलता है फुल कंट्रोल

बिना एबीएस वाली बाइक सस्ती आती हैं। लेकिन इनमें ब्रेक लगाने पर वहान धीरे-धीरे रुकता है। अचानक ब्रेक लगाने पर बाइक स्लीप होने का खतरा रहता है। राइडर को संभलने का मौका कम मिलता है। एबीएस के साथ आने वाली बाइक्‍स पर नॉन एबीएस बाइक्‍स की तुलना में ज्‍यादा और बेहतर तरीके से कंट्रोल मिलता है। किसी भी मौसम में तेज ब्रेक लगाने पर खतरा बढ़ जाता है, लेकिन एबीएस वाली बाइक्‍स में यह खतरा काफी कम हो जाता है। एबीएस वाली बाइक्‍स में ड्राइवर का पूरी तरह से कंट्रोल रहता है।

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