Tyre care tips: बाइक हो या कार टायर उसका इम्पोर्टेन्ट हिस्सा होते हैं, दरअसल, टायर ही वह चीज है जिसका पहला टच सड़क पर होता है। टायर में हवा का बेहद खास रोल होता है, इसलिए तो कार में इन दिनों टायर प्रेशर मॉनिटरिंग फीचर आने लगा है। जिससे अगर किसी टायर में हवा कम या ज्यादा होती है तो वह इस बारे में ड्राइवर को इंडिकेट कर देता है। इसके अलावा टायर में हवा से उसकी माइलेज पर भी असर पड़ाता ।
50000 km तक चलने के बाद कार का टायर बदल लें
गर्मी हो या सर्दी अपने व्हीकल में तय मानकों के अनुसार ही हवा रखें। हवा कम होने से इंजन पर दबाव बनता है। इंजन पेट्रोल की अधिक खपत लेता है और इंजन पार्ट्स धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। इसके अलावा कार में 50000 km तक चलने के बाद टायर बदलना चाहिए। हालांकि टायर की उम्र आपको वाहन चलाने के तरीके पर भी डिपेंड करती है। इसके अलावा ज्यादा दिन वाहन खड़े रहने टायरों में दरारें आ जाती हैं।
35 से 40 PSI तक प्रेशर होना चाहिए
आजकल ऑनलाइन सस्ते टायर मिलते हैं। कई बार लोगों ने सोशल मीडिया पर इन टायरों के पुराने होने की शिकायत की है। दरअसल, कई लोग पुराने टायरों को ठीक कर बेच देते हैं। जानकारी के अनुसार टायरों में 35 से 40 PSI तक प्रेशर होना चाहिए। आप अपने टायर में नाइट्रोजन या सामान्य कोई सी भी हवा डलवा सकते हैं। नाइट्रोन गर्मियों में टायर को जल्दी से गर्म नहीं होने देती। लेकिन यह आसानी से मिलती नहीं है। टायरों में तय मानकों क अनुसार हवा भरवाएं वरना इनके फटने का खतरा रहता है। इससे वाहन और जानमाल का नुकसान होने का खतरा होता।
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