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एक युवक के अंगदान ने 4 लोगों को दी नई जिंदगी, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 3 राज्यों की पुलिस ने की मदद

एक युवक के अंगदान ने 4 लोगों को दी नई जिंदगी, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 3 राज्यों की पुलिस ने की मदद

दिल्ली में एक युवक के अंगदान से चार लोगों को नई जिंदगी मिली है। दरअसल गंगाराम अस्पताल में एक 37 वर्षीय युवक के अंगदान से मिला लिवर, दोनों किडनी और दिल ग्रीन कॉरिडोर के जरिए अलग-अलग अस्पतालों में चार मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया है।

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खास बात यह है कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहली बार सड़क मार्ग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) के जरिए दिल दिल्ली से जयपुर पहुंचाया गया। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान इन तीन राज्यों की पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ये दिल जयपुर पहुंचाने में मदद की है।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा का रहने वाला युवक सुशील कुमार दिल्ली में सब्जी का बिजनेस करता था। दस दिसंबर को इंद्रपुरी में उसका एक्सीडेंट हो गया था।

घटना के बाद उसे इलाज के लिए गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन 14 दिसंबर को उसका ब्रेन डेड हो गया। अस्पताल के डॉक्टर्स द्वारा समझाने पर सुशील की पत्नी ने उसके अंगदान की स्वीकृति दे दी और ग्रीन कॉरिडोर के जरिए चार लोगों को इससे नया जीवन मिल गया।

इन चार अंगों का हुआ ट्रांसप्लांट

बता दें कि मृतक सुशील का लिवर, दोनों किडनी, दिल और दोनों कॉर्निया का दान किया गया। एक किडनी और लिवर गंगाराम अस्पताल में ही दो पुरुष मरीजों में ट्रांसप्लांट हुआ। वहीं दूसरी किडनी नोएडा के अस्पताल में एक अन्य पुरुष मरीज में ट्रांसप्लांट की गई।

दिल्ली से जयपुर तक बना ग्रीन कॉरिडोर

दिल्ली में हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए कोई मरीज उपलब्ध नहीं था। जिसके बाद राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplant Organization) ने जयपुर के अस्पताल में एक मरीज को ये दिल आवंटित किया। बता दें कि दिल्ली से जयपुर तक करीब 245 किलोमीटर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस के जरिए ये दिल जयपुर पहुंचाया गया।

पीड़ित परिवार की हो रही सराहना

बता दें कि लिवर 70 वर्षीय बुजुर्ग मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया। हृदय और दोनों किडनी करीब 40 की उम्र के मरीजों में ट्रांसप्लांट किया गया। इसके अलावा दृष्टिबाधित दो लोगों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट से आंखों की रोशनी भी मिली। अंगदान के बाद हर कोई पीड़ित परिवार के इस निर्णय की सराहना कर रहा है।

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