गंगा आंदोलन में कृष्णम और डॉ. मनमोहन सिंह का अहम संबंध
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वे गंगा आंदोलन के संयोजक थे, और इस आंदोलन के दौरान उनकी मुलाकात डॉ. मनमोहन सिंह से हुई थी। उन्होंने बताया कि 2000 के दशक में उत्तराखंड में गंगा नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए एक बड़ा आंदोलन चलाया गया था। इस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बैठक हुई थी, जिसमें कृष्णम ने अपनी मांगें डॉ. मनमोहन सिंह के सामने रखीं थीं।
डॉ. मनमोहन सिंह की संतों के प्रति आस्था
कृष्णम ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का संतों और सनातन धर्म के प्रति विशेष सम्मान था। जब भी कोई बड़ी धार्मिक या सामाजिक समस्या सामने आती, वे इसे गंभीरता से लेते थे। उन्होंने अपनी नीतियों में संतों की भावनाओं का हमेशा सम्मान किया और उनके सुझावों को प्राथमिकता दी। यह विशेषता उन्हें एक संवेदनशील नेता बनाती थी। आचार्य कृष्णम ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह ने संतों की मांगों को लेकर हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया।
यह भी पढ़ें : Kanpur आईआईटी ने दी थी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को डॉक्टरेट की मानद…
जब गंगा आंदोलन के तहत विभिन्न संतों ने गंगा नदी की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाई, तो डॉ. मनमोहन सिंह ने उनके साथ संवाद किया और उनकी अपेक्षाओं को समझा। इसके परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो गंगा की रक्षा में मददगार साबित हुए। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अंत में डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सराहा और कहा कि वे देश की राजनीति में एक ईमानदार, नायक और मार्गदर्शक के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे। उनके योगदान और उनके दृष्टिकोण ने देश को एक नई दिशा दी।