Akhilesh Yadav: मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मंजूरी दे दी है। सोमवार को अर्जुन सिंह मेघवाल लोकसभा में बिल पेश करेंगे। अगर बिल दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पास हो जाता है तो साल 2034 में देश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। मोदी सरकार के इस बिल पर देश की सियासत गरमा गई है। 32 पार्टियों ने बिल का समर्थन किया है और 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया है। विपक्षी पार्टियां वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर अपने-अपने तरीके से प्रतिक्रिया दे रही हैं।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि इस बिल को लागू करना अप्रभावी और अव्यवहारिक हो सकता है। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि अगर मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन की इतनी जल्दी में है तो उसे लोकसभा भंग करके चुनाव करा लेने चाहिए।
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एक देश एक चुनाव को बताया गया छलावा
अखिलेश यादव ने कहा कि एक देश एक चुनाव न सिर्फ अव्यवहारिक है बल्कि अलोकतांत्रिक भी है क्योंकि कई बार सरकारें अपने कार्यकाल के बीच में ही अस्थिर हो जाती हैं तो क्या वहां की जनता लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के बिना रह पाएगी? इसके लिए संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकारों को बीच में ही भंग करना पड़ेगा, जो जनमत का अपमान होगा। दरअसल एक देश एक चुनाव लोकतंत्र के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी चाहेगा वह एक साथ पूरे देश पर कब्जा कर लेगा। इससे चुनाव एक दिखावा बन जाएगा। जो सरकार बारिश, पानी, त्योहार के नाम पर चुनाव टालती है, वह एक साथ चुनाव कराने का दावा कैसे कर सकती है? एक देश एक चुनाव एक छलावा है, जिसका मूल कारण एकाधिकार की अलोकतांत्रिक मंशा है। यह चुनाव प्रणाली के सामूहिक अपहरण की साजिश है।
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