रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के चुनाव में संजय सिंह ने जीत दर्ज की थी। संजय सिंह की इस जीत के बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई रेसलर नाराज हैं। पहलवान बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखते हुए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही है। बजरंग पुनिया ने पीएम हाउस के सामने फुटपाथ पर अपना पद्नश्री रख दिया।
‘इसलिए ये ‘सम्मान’ मैं आपको लौटा रहा हूं’
बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। पूनिया ने ये चिट्ठी भी X पर शेयर की है. बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है.’
बजरंग पूनिया ने अपने पत्र में कहा है, ”…जिन बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड अंबेसडर बनना था, उनको इस हाल में इस हाल में पहुंचा दिया गया कि उनको अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा। हम ‘सम्मानित’ पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं ‘सम्मानित’ बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा। ऐसी जिंदगी कचोटती ताउम्र मुझे। इसलिए ये ‘सम्मान’ मैं आपको लौटा रहा हूं।”
बजरंग पुनिया को 2019 में मिला था पद्मश्री
29 साल के बजरंग पूनिया को 2019 में पद्मश्री सम्मान दिया गया था। पहलवान बजरंग पुनिया ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। 2019 में बजरंग पुनिया ने ओलंपिक के लिए तब क्वालिफाई किया था। क्वालिफाई करने के लिए उन्होंने कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप क्वालिफाई करना पड़ा था। उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग ने कांस्य पदक ही मिल पाया था।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जीता गोल्ड
बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 मात दी थी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था।