राम मंदिर बीते कई दशकों से भारतीय राजनीति के केंद्र में रहा है। मंदिर अब बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राणप्रतिष्ठा करेंगे। लेकिन राजनीति अब भी इस पर हावी है। कुछ दिन पहले मधुबनी की एक जनसभा के दौरान बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भाषण देते हुए ऐसा वक्तव्य दिया कि मंदिर-मस्जिद की राजनीति उफान मारने लगी। अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए वहां मौजूद जनता से पूछ डाला आपलोगों को मंदिर चाहिए या अस्पताल, इलाज अस्पताल में होगा या मंदिर में मंदिर में तो उल्टा दान देना होता है।
BJP के पलटवार से RJD चारों खाने चित
तेजस्वी यादव के इस बयान को बीजेपी ने हाथों-हाथ लिया और RJD सहित पूरे विपक्ष को मंदिर विरोधी के रुप में जनता के सामने खड़ा कर दिया लेकिन बवाल थमा नहीं। दोनों ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। अब BJP नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हमें उनसे नसीहत की कोई जरुरत नहीं। उन्हें अस्पताल चाहिए तो हज भवन को अस्पताल क्यों नहीं बना देते लोगों का बढ़िया इलाज हो जाएगा।
गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद RJD चारों खाने चित है। उन्हें अब ये नहीं सूझ रहा है कि अपना राजनीतिक बचाव कैसे करें। अब ये बायन उन पर भारी पड़ रहा है। खैर जनता के लिए अस्पताल तो जरुरी है लेकिन राम मंदिर की लड़ाई भी लंबी रही है। इसलिए राम मंदिर पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।