Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में वोटिंग की प्रक्रिया पुरी हो चुकी है जिसके बाद अब आए एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनाती हुई नजर आ रही है। अगर एग्जिट पोल के नतीजे चुनाव नतीजों से मेल खाते हैं तो सवाल उठता है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा। बीजेपी किस चेहरे को दिल्ली की कमान सौंपेगी? सीएम का चेहरा चुनना बीजेपी के लिए मुश्किल काम है क्योंकि इस रेस में कई बड़े चेहरे सबसे आगे चल रहे हैं। एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कई ऐसे नेता हैं जिनके भाषण से ऐसा लग रहा है कि वो खुद को उस रेस में देख रहे हैं। हालांकि बीजेपी की एक बड़ी खासियत है, इस पार्टी में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कोई और नहीं जानता कि किस राज्य का मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा।
दिल्ली के सीएम की रेस में जो बड़े नाम सबसे आगे चल रहे हैं, उनमें सबसे अहम नाम प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का है. इसके अलावा उत्तर-पूर्वी दिल्ली से तीसरी बार सांसद मनोज तिवारी, नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मीनाक्षी लेखी भी सीएम पद के लिए आगे चल रही हैं।
बीजेपी की क्या है रणनीति?
बीजेपी किसी भी राज्य में अपना सीएम कैसे बनाती है, उसकी रणनीति क्या होती है, यह अब तक कोई नहीं समझ पाया है। चाहे वो यूपी हो, एमपी हो, राजस्थान हो या फिर छत्तीसगढ़। जहां यूपी में अचानक एमपी से योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसी तरह मध्य प्रदेश के लोकप्रिय नेता शिवराज सिंह चौहान को हटाकर उनकी जगह मोहन यादव को राज्य की कमान सौंपी गई और बाद में शिवराज को केंद्रीय मंत्री बनाकर दिल्ली लाया गया। इसी तरह राजस्थान में वसुंधरा राजे का दबदबा खत्म करके उनकी जगह भजनलाल शर्मा को लाया गया। छत्तीसगढ़ में भी रमन सिंह को हटाकर आदिवासी चेहरे विष्णु देव साय को नया मुख्यमंत्री बनाया गया।
सीएम पद के कौन लोग आगे?
बता दें कि, दिल्ली के सीएम की कुर्सी के लिए प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे है क्योंकि बीजेपी ने उन्हें नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा था। इसके अलावा वो दो बार सांसद और महरौली से विधायक रह चुके हैं। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके बाद मनोज तिवारी भी दिल्ली की राजनीति में बड़ा नाम हैं। वह दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और लगातार तीसरी बार उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद चुने गए हैं। इस बार भाजपा ने दिल्ली की सात में से छह लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार बदले थे, लेकिन मनोज तिवारी का टिकट नहीं काटा गया।
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