RSS Kolkata Rally: कलकत्ता हाईकोर्ट ने 16 फरवरी 2025 को होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को पश्चिम बंगाल के बर्धमान में रैली करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद RSS ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कलकत्ता हाईकोर्ट के जज ने बंगाल सरकार की आपत्ति को खारिज करते हुए आरएसएस की रैली को सशर्त अनुमति दी है। बता दें कि, इस रैली में RSS प्रमुख मोहन भागवत के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
कोर्ट ने RSS के रैली की दी गई अनुमति
बता दें कि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि रैली शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जानी चाहिए और आवाज कम रखी जानी चाहिए। बंगाल पुलिस ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि इस समय बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा चल रही है और इसलिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक है। जज ने कहा कि रविवार को आरएसएस की रैली होनी है और कार्यक्रम सिर्फ 1 घंटा 15 मिनट का होगा, इसलिए कोर्ट को नहीं लगता कि इससे किसी को असुविधा होगी। कोर्ट ने रैली को शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने और साउंड कम रखने का आदेश दिया। यहां रैली के बाद मोहन भागवत क्षेत्रीय RSS नेताओं, स्थानीय कार्यकर्ताओं और बर्धमान और आसपास के इलाकों के प्रमुख लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
Delhi CM की दौड़: प्रवेश वर्मा, आशीष सूद और रेखा गुप्ता के नाम प्रमुख
प्रसाशन ने RSS के सभा पर जताई आपत्ति
वहीं, वादी के वकील ने कोर्ट से कहा कि, “साईं कॉम्प्लेक्स का मैदान 50 बीघा जमीन पर फैला हुआ है। 1-2 किलोमीटर के दायरे में कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है। इसलिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। एसडीओ को पत्र लिखकर बताया गया था कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाएगा। कल उन्हें बताया गया कि अगर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया गया तो बैठक की अनुमति रद्द कर दी जाएगी, लेकिन लिखित में कुछ नहीं दिया गया। वहां कोई शांति क्षेत्र नहीं है।”
रैली का लक्ष्य राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देना
इन बैठकों में संगठनात्मक विकास, सामुदायिक आउटरीच, RSS नेतृत्व और स्थानीय हितधारकों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। उनकी यात्रा देशभक्ति, आत्मनिर्भरता, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण और परिवार-उन्मुख प्रथाओं के माध्यम से समाजीकरण जैसे मूल्यों को स्थापित करने पर केंद्रित होगी। समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, आरएसएस के महासचिव जिष्णु बसु ने कहा कि मोहन भागवत की यात्रा का उद्देश्य हिंदू समुदाय के भीतर राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देना, स्वदेशी चेतना को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है, जो एक प्रमुख राष्ट्रीय लक्ष्य है।
महाकुंभ स्नान पर अफजाल अंसारी का विवादित बयान, बोले- पाप धुल जाते हैं यानी आगे..