गाजियाबाद। जिले में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था सीएम योगी की सरकार ने इस गरज से दी थी कि आम जन को भी जल्द और सुलभता से न्याय मिले। लेकिन हो इसका उलट रहा है। रसूखदारों की तहरीर पर तुरंत वो मुकदमें भी दर्ज हो रहे हैं, जिन्हें अमूमन पुलिस सिविल केस बताकर पीड़ित को रपटा देती है।
ये है ताजा मामला
दिल्ली की गाजीपुर डेयरी फार्म हाऊस में पशुओं का व्यापार करने वाले सलीम पुत्र हाजी यामीन ने विजयनगर थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमें में बताया गया है कि विजयनगर के रहने वाले सुरेश पाल नाम के एक शख्स को उसने तीन भैंस उधार दी थीं।
दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक सुरेश पाल ने वायदा किया था एक महीने के भीतर इन भैंसों की कीमत दो लाख रुपये वह सलीम को दे देगा। अब दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी अब तक उस पैसे का भुगजतान नहीं कर रहा।
तीन साल बाद FIR, सवाल तो बनता है
गौर करने वाली बात ये है कि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने वाला पशु व्यापारी अपने साथ होने वाली घटना की तारीख एक सितंबर 2021 बता रहा है। सवाल ये उठता है कि इस मामले की रिपोर्ट पुलिस ने अब जाकर ही क्यों दर्ज की ?