Delhi Challan प्रदूषण के हालातों को देखते हुए राजधानी में ग्रेप तीन अब भी लागू है। ऐसे में दिल्ली में चल रहे कई कामों पर रोक लगाई गई है। ग्रेप 3 के तहत दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कार पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन फिर ये वाहन दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे में परिवहन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इनके मालिकों पर 5 करोड़ 62 लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया है।
आपको बता दें कि दिल्ली में इन वाहनों पर 27 दिन प्रतिबंध रहा है। परिवहन विभाग ने इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के 2811 चालान काटे हैं। ऐसे में प्रतिदिन के हिसाब से आंकलन किया जाए तो विभाग ने एक दिन में औसतन 104 चालान काटे हैं जिनका एक दिन का जुर्माना 20 लाख 80 हजार बैठता है। ये सभी चालान 20 हजार जुर्माने वाले हैं।
5 लाख से ज्यादा कारों पर प्रतिबंध
परिवहन विभाग (transport Department) का कहना है कि प्रतिबंध लगने के साथ ही विभाग की ओर से लोगों को आगाह किया गया था कि वे अपने प्रतिबंधित वाहन सड़कों पर नहीं उतारें, लेकिन फिर भी लोग नहीं माने और अपनी गाडियां दिल्ली की सड़कों पर दौड़ा दी। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर उनका चालान हुआ है।
आपको बता दें कि परिवहन विभाग की ओर से बीएस-3 पेट्रोल यानी एक अप्रैल 2010 से पहले के पेट्रोल वाहन और बीएस-4 डीजल के एक अप्रैल 2020 से पहले के रजिस्टर्ड चार पहिया डीजल वाहनों पर दो नवंबर से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इस निर्णय के चलते दिल्ली में बीएस-3 के दो लाख से ज्यादा पेट्रोल वाहन और बीएस-4 के तीन लाख से ज्यादा डीजल वाहनों (Petrol Diesel Cars Challan) पर प्रतिबंध लग गया था। यानी कुल मिलाकर दिल्ली में पांच लाख से अधिक वाहनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
परिवहन विभाग की 114 टीमें तैनात
प्रदूषण (Delhi Pollution) के बढ़ते स्तर के कारण सरकार द्वारा लगाए गए ग्रेप-3 के चलते ये वाहन नहीं चल पा रहे थे। इन वाहनों पर कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग ने 114 टीमें तैनात की थीं। जिसमें 84 टीमें चार पहिया वाहनों के साथ लगाई गई थीं। बता दें कि दिल्ली में कुल होने वाले प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत के करीब मानी जा रही है।
इसके चलते ही बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध (Petrol Diesel Vehicles Banned in Delhi) की श्रेणी ग्रेप तीन में ही रखी गई है। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया था।