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Thursday, October 17, 2024
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Delhi में Ola-Uber जैसी प्राइवेट कंपनियों पर सरकार का शिकंजा, 1 लाख तक का लग सकता है जुर्माना!

Delhi Ola-Uber Taxies : दिल्ली में ओला-ऊबर जैसी प्राइवेट टैक्सी अब संभाल कर चलानी होगी। वरना 5 हजार से लेकर एक लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। दरअसल एलजी वी के सक्सेना (LG VK Saxena) ने दिल्ली सरकार की दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 (Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme 2023) को मंजूरी दे दी है। इस स्कीम के लागू होने के बाद दिल्ली में ओला-ऊबर जैसी प्राइवेट टैक्सी कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी।

बता दें कि यह स्कीम दिल्ली में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को व्यापक रेगुलेशन और लाइसेंसिंग के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर पांच हजार से लेकर एक लाख तक जुर्माना लगाया जाएगा।

Delhi Ola-Uber, Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme 2023

इस स्कीम के जरिए सरकार दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने और निजी कंपनियों (Delhi Ola-Uber) की टैक्सी किराये पर लेने के बाद यात्रियों की होने वाली परेशानियों निजात दिलाना है। एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत अगर ऐसी कंपनियों के चालक सवारियों से अधिक पैसा वसूलता हैं या ठीक से पेश नहीं आते हैं तो संबंधित चालकों-कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी।

एग्रीगेटर्स को करने होंगे ये काम

Delhi Ola-Uber, Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme 2023

बता दें कि इसके तहत एक महीने में 15 प्रतिशत या इससे अधिक शिकायतों वाले चालकों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही एक वर्ष की अवधि में 3.5 से कम रेटिंग वाले चालकों को ट्रेनिंग और सुधारात्मक उपाय करने होंगे। वहीं अकुशल चालकों के परफॉर्मेंस की निगरानी एग्रीगेटर और परिवहन विभाग (Delhi Ola-Uber) द्वारा की जाएगी। अगर परफॉर्मेंस में सुधार नहीं होता है तो परिवहन विभाग उनके वाहन बैज को समाप्त कर देगा।

Delhi Ola-Uber, Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme 2023

कैब में एग्रीगेटर का लोगो लगाना होना। इसके साथ ही कैब में पैनिक बटन भी लगवाना होगा, ताकि इमरजेंसी में स्थानीय पुलिस से संपर्क किया जा सके। यात्रियों को कम से कम दो लोगों को लोकेशन शेयर करने की सुविधा देनी होगी। ऐप के फायरवाल का निर्माण कराना होगा, ताकि यात्रियों के पर्सनल डाटा लीक न हों।

दिल्ली में संचालन के लिए परिवाहन विभाग से लाइसेंस लेना होगा। बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस स्कीम को 18 अक्टूबर को मंजूरी दे दी थी और इसकी फाइल एलजी को सौंप दी गई थी। नीति का अगले सप्ताह तक अधिसूचित होने की संभावना है।

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