खेत में रास्ते से जाने के लिए डेढ़ घंटा लगता था. किसान ने जुगाड़ से ऐसा नाव बनाया कि पहुंचने में सिर्फ 15 मिनिट लगने लगे। महाराष्ट्र के रिसोड तहसील के महागांव के 60 किसानों ने पैन गंगा नदी को पार करने के लिए एक विचित्र नाव का जुगाड़ किया है, जिसकी चर्चा जिले भर में हो रही है.
महागांव के 60 किसानों की लगभग 400 एकर खेती पड़ोस के गांव में है, पड़ोस के गांव में जाने के लिए रास्ता है, लेकिन थोड़ा खराब है. किसानों ने बताया की अगर रास्ते से खेत में जाते हैं तो उन्हें एक से डेढ़ घंटा लगता है.
रास्ते का इस्तेमाल कर खेत में मजदूर भी ले जाना हो तो काफी समय और पैसे भी बहोत खर्च होते, इस त्रासदी से बचने के लिए किसानों ने बीच का रास्ता निकलने की सोची. महागांव से गोहगांव के बीच पैनगंगा नदी बहती है, नदी के इस ओर महागांव है तो दूसरी ओर गोहगांव है जहां किसानों के खेत है.
महागांव के किसानों ने निश्चय किया की नदी को पार कर गोहगांव जाने के लिए छोटी नांव बनाई जाए, बस फिर क्या था, किसानों ने 4 पालस्टिक के नए ड्रम खरीदे, लोहे की रॉड से चाैकोन बनाया और उस पर बैठने के लिए लकडे की बड़ी पट्टियां लगाई.
जुगाड़ी नाव बनने के बाद नाव के दोनो तरफ रस्सी को बांधा और रस्सी के दोनो हिस्से नदी के दोनो छोर पर स्थित पेड़ो को बांधे. जुगाड कामयाब रहा, और आज महागांव के किसान इस जुगाड वाली नांव से अपने खेतों में वर्षों से आते और जाते हैं वह भी महज 15 मिनिट में.
किसानों को मजदूर भी ले जाना हो तो नांव में बिठाकर ले जाते हैं, नाव में 4 से 5 व्यक्ति जा सकते हैं. किसानों के जानवर भी नदी में तैरकर खेतों से आते और जाते हैं.
किसानों की मांग सरकार नदी पर पूल बनवाएं
जुगाड वाली नांव से किसानों को खेती करने में काफी मदद मिल रही है, लेकिन खेत में आने वाली फसल को लाने के लिए उन्हें खराब रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है.
गांव के किसानों ने और सरपंच के पति ने मांग की है की, सरकार हमे इस नदी पर एक पुल बना दे जिससे किसानों का यह जानलेवा सफर आसानी वाला साबित हो. महागांव के सरपंच पति ने कहा है की, भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अपने लेटर हेड पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पुल बनाने की मांग की है.