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CM योगी के चार अवतार

गाजियाबाद। बुधवार को गाजियाबाद में आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने योगी आदित्यनाथ को चार अवतारों में देखा। कभी शायर, कभी बाबा, कभी उग्र तो कभी परिपक्व राजनीतिज्ञ दिखाई दिए योगी आदित्यनाथ।

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शायर दिखे योगी

मंच पर अपने संबोधन ने आज जहां कांग्रेस-सपा-बसपा पर हमले किए वहीं राहुल और अखिलेश को भी खूब खरी-खोटी सुनाईं। इसी दौरान उन्होंने एक शायर की चार पंक्तियां लोगों को सुनाई।

पंक्तियां यूं थी…
नजर नहीं है लेकिन, नजारों की बात करते हैं,
जमीं पे चांद सितारों की बात करते हैं।
वो हाथ जोड़के बस्तियों को लूटने वाले,
भरी सभा में सुधार की बात करते हैं।।
ये पंक्तिया सुनाते ही उन्होंने कहा कि यूपी में दो लड़कों की जोड़ी (राहुल-अखिलेश) घूम रही है। जो लूटने के लिए आई है। दोनों को देश, समाज, युवा, व्यापारी या किसानों की नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ अपने परिवारों की चिंता है।

बाबा के रूप में योगी

सीएम योगी के भाषण में जब उन्होंने भस्मासुर का जिक्र किया तब महसूस हुआ कि वे मठाधीश्वर बाबा योगी आदित्यनाथ का रूप हैं। योगी ने अपने भाषण में दो बार गाजियाबाद के प्राचीन मठ दूधेश्वरनाथ मंदिर का जिक्र करके भी अपने धर्म के प्रति लगाव का सबूत दिया। जबकि भाषण के दौरान ही

उन्होंने कांवड़ यात्रा का जिक्र करके भी ये जता दिया कि वे धर्म के प्रति आज भी बेहद गंभीर हैं। उन्होंने अपने भाषण में बाकायादा कहा भी और लोगों से पूछा भी कि पहली सपा की सरकार में कांवड़ यात्रा को कैसे बैरियर बनकर सरकारें रोकने का काम करती थीं और आज की सरकार कांवड़ यात्रा को पूरे हर्षोल्लास के साथ संपन्न करा रही है।

नहीं भूले तीखा अंदाज

 

अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए सीएम बनने से पहले ही चर्चित रहे योगी आदित्यनाथ के भाषण में साफ दिखाआई दिया कि देश के सबसे बड़े सूबे यूपी के सीएम की जिम्मेदारी संभालने के बावजूद वे अपना पुराना अंदाज भूले नही हैं। उन्होंने अपने चिर-परित अंदाज में न सिर्फ विपक्षियों बल्कि माफियाओं और अपराधियों को भी जमकर लताड़ लगाई।

संपूर्ण राजनीतिज्ञ दिखे योगी

सीएम योगी ने मंच पर जिस तरह से अपने संबोधन में सांसद अतुल गर्ग और यूपी के कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा से फोन पर बातचीत करने का जिक्र किया उससे साफ हो गया कि वे पार्टी और संगठन में सभी को साथ लेकर चलनी की तकनीक सीख चुके हैं। लोकसभा चुनाव में अतुल गर्ग के टिकट का विरोध करने की चर्चाओं को विराम देने का उनका ये अंदाज पार्टी के नेताओं में ही चर्चा का विषय रहा।

दूसरी तरफ गाजियाबाद के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के.सिंह के साथ हिंडन एयरपोर्ट से उनका आना ये बताने को काफी था कि उनकी नतदीकी वी.के.सिंह से भी कम नहीं हुई है। उधर, गाजियाबाद के नगर आयुक्त से विवादों की वजह से चर्चाओं में रहीं महापौर सुनीता दयाल और पुलिस कमिश्नर से भिड़ने वाले लोनी विधायक नंदकिशोर गूर्जर को भी विशेष महत्व दर्शाकर उन्होंने ये संकेत दे दिया कि भले ही अफसरों से विवाद में वे सीधे जनप्रतिनिधियों को सपोर्ट नहीं कर रहे, मगर अफसर ये भी न सोचें कि वे उनसे नजदीक नहीं हैं।

विधायक नंदकिशोर को तो बाकायदा मंच पर ही फोटो सेशन के दौरान सीएम ने अपने कैबिनेट मंत्रियों सुनील शर्मा और कपिल देव अग्रवाल के साथ बुलाकर खड़ा कराया। जाहिर है कि कभी बाबा, कभी शायर तो कभी अपने पुराने उग्र अंदाज वाले सीएम योगी अब राजनीति के भी धुरंधर हो गए हैं।

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