गाजियाबाद। ये खबर गाजियाबाद के नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राहत देने वाली है। नगर निगम प्रशासन के बढ़े हुए डीएम सर्किल रेट के हिसाब से टैक्स देने के फैसले को रद्द कर दिया गया है।
नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में महापौर ने इस फैसले को निरस्त करने का प्रस्ताव खारिज करते हुए नये सिरे से कर निर्धारण करने के लिए निगम बोर्ड की बैठक बुलाने की बात कही है।
मेयर-आयुक्त के विवाद का गाजियाबादियों को मिला फायदा
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और महापौर सुनीता दयाल के बीच विवाद चल रहा था। उस विवाद के चलते एक-दूसरे के आदेशों का विरोध करने की कवायद चल रही थी। इसी कड़ी में महापौर के नेतृत्व में निगम कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लेते हुए डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर वसूली के फैसले को निरस्त कर दिया।
जबकि नगरआयुक्त लगातार लोगों से टैक्स जमा कराने की अपील कर रहे थे और ज्यादा से ज्यादा टैक्स जमा कराने के लिए 10 प्रतिशत छूट की स्कीम भी चला रहे थे। टैक्स बढ़ोतरी के फैसले को निरस्त करने का निर्णय नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया।
शहरवासियों को मिलेगी राहत
हालाकि इस फैसले से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी. इस फैसले के तहत अब सर्किल रेट से कर नहीं वसूला जाएगा, और जिन लोगों को इस दर से बिल भेजे गए हैं, उन्हें भी राहत मिलेगी यानि बिल जमा नहीं करना होगा. गौरतलब है कि नगर निगम ने सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगाकर बिल जारी करना शुरू कर दिया था. जिसका लोग विरोध कर रहे थे.
इसलिए हो रहा था विरोध
नगर निगम अधिनियम के मुताबिक संपत्ति कर की दरें हर 2 साल में एक बार ही बढ़ाई जा सकती हैं। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने भी बोर्ड बैठक में बताया था कि पिछले साल ही 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, इसलिए 31 मार्च 2025 तक कोई नई बढ़ोतरी संभव नहीं है। फिर भी सर्किल रेट के आधार पर कर वसूली की जा रही थी। जिसका व्यापक विरोध हो रहा था।