मौजूदा समय में आटा 35 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है। अगर ब्रांडेड की बात की जाये तो वो 45 से 50 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। आटे की बढ़ते दामों के बीच केंद्र सरकार सस्ता आटा बेचने की योजना बना रही है। सस्ते आटे की बिक्री की शुरुआत इसी महीने 6 नवंबर 2023 से होने वाली है। गेहूं की कीमतें पिछले चार महीनों में 12% बढ़कर 25,174 रुपये ($303.85) प्रति मीट्रिक टन हो गई हैं, जो लगभग 6 महीनों में सबसे अधिक है, क्योंकि व्यापारियों का कहना है कि अनियमित मौसम के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है।
सरकार के अनुसार, 2023 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड 112.74 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो एक साल पहले 107.7 मिलियन मीट्रिक टन था। भारत में सालाना लगभग 108 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं की खपत होती है।

केंद्र सरकार ने गेहूं के बढ़ते दाम से आम आदमी को राहत दिलाने के लिए बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने फैसला किया है कि अब कम दाम पर आटा सरकारी आउटलेट जैसे- केंद्रीय भंडारों पर मिलेगा. केंद्रीय भंडार पर आटा महज 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से उपलब्ध होगा. यह आटा, भारत आटा ब्रांड का होगा. बता दें कि खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की तरफ से आटे की बढ़ती कीमतों की समीक्षा की गई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है और आटा सप्लाई को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. खाद्य सचिव ने ये भी कहा कि लोगों तक आटा मोबाइल वैन के जरिए भी पहुंचाया जाएगा. इसका इंतजाम होगा. खाद्य सचिव के अनुसार, बोल्ड में आटा का नाम व दाम लिखना होगा. 6 फरवरी से NCCF और NAFED भी इसी दर पर आटा बेचेंगे.
सरकार कैसे बेचती है सस्ती चीजें
आम जनता को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बनाए हुए है। इसके अंतर्गत कुछ एग्री कमोडिटी का बफर स्टॉक रखती है। इन वस्तुओं की कीमतें यदि असामान्य रूप से चढ़ती हैं तो सरकार बफर स्टॉक से कैलिब्रेटेड और लक्षित तरीके से बाजार में उसे जारी करती है।
कितने सस्ता में मिलेगा भारत आटा?

जान लें कि केंद्र सरकार ने 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर सहकारी समितियों, सरकारी पीएसयू, संघों जैसे केंद्रीय भंडार, NAFED और NCCF को 3 लाख टन गेहूं आटा बनाने के लिए रिजर्व किया है. सरकारी आउटलेट पर भारत आटा अधिकतम 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के दाम पर बेचा जा सकेगा.
कौन और कहां बेचेगा भारत आटा