हिमाचल में कांग्रेस दोधारी तलवार पर चल रही है. हाल फिलहाल के लिए तो कांग्रेस के लिए पहाड़ पर ऑल इस वेल है लेकिन सुक्खू को हटाने की मांग लगातार तेज हो रही है. तो बागी विधायकों की टेंशन भी कांग्रेस के लिए बड़ी है हालांकि अब मोर्चा प्रियंका गांधी ने संभाल लिया है. विक्रमादित्य के तेवर ढीले पड़ गए हैं तो हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू यही जाहिर कर रहे हैं की अब सब ठीक है और विक्रमादित्य तो उनके छोटे भाई हैं.
पाला बदलने वाले MLA विक्रमादित्य सिंह के करीबी
हिमाचल में कांग्रेस के माथे पर शिकन तब बड़ गई थी जब उसके 6 विधायकों ने पाला बदलते हुए राज्यसभा चुनावों के लिए बीजेपी के पक्ष में वोट किया था. ये सभी विधायक विक्रमादित्य सिंह के करीबी माने जाते हैं. तो मंत्री होते हुए भी विक्रमादित्य का ये गुस्सा आखिर क्यों था इसकी भी वजह अपने में खास है.
दरअसल 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने विक्रमादित्य के पिता और हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा था. इसका फायदा भी कांग्रेस को मिला पार्टी की चुनाव में जीत हुई लेकिन मुख्यमंत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू को बना दिया गया. तो विक्रमादित्य ने कांग्रेस पर अपने पिता की मूर्ति के लिए दो गज जमीन ना देने और उनका अपमान करने का भी आरोप लगाया है.
वेट एंड वॉच की स्थिती में बीजेपी
कांग्रेस में बगावत हुई. सरकार गिरने तक की कगार पर बात पहुंची. तो इन सबके बीच बीजेपी पूरी तरह से एक्टिव थी. हालांकि अब विक्रमादित्य के बदलते रुख के चलते बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिती में आ गई है.