Chandrayaan 3 Propulsion Module : मिशन चंद्रयान 3 को लेकर आज इसरो (Indian Space Research Organization) को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (Chandrayaan 3 Propulsion Module enters in earth’s orbit) चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। और इसके साथ ही चंद्रयान 3 मिशन पूरी तरफ सफल हो गया है।
ISRO ने एक्स पर पोस्ट कर चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बारे बताया। इसरो की ओर से कहा गया कि एक अनूठे एक्सपेरिमेंट के तहत चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (Chandrayaan 3 Propulsion Module) वापस धरती की कक्षा में लौट आया है।
बता दें कि वर्तमान में प्रोपल्शन मॉड्यूल पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है और 22 नवंबर को 1.54 लाख किलोमीटर की ऊंचाई को पार कर गया है। इसरो ने बताया कि कक्षा की अवधि लगभग 13 दिन की है।
Chandrayaan-3 Mission:
Ch-3’s Propulsion Module (PM) takes a successful detour!
In another unique experiment, the PM is brought from Lunar orbit to Earth’s orbit.
An orbit-raising maneuver and a Trans-Earth injection maneuver placed PM in an Earth-bound orbit.… pic.twitter.com/qGNBhXrwff
— ISRO (@isro) December 5, 2023
23 अगस्त को हुई थी ऐतिहासिक लैंडिग
गौरतलब है कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई 2023 को लॉन्च हुआ था। इसके बाद 23 अगस्त को विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की थी। भारत ये कारनामा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। बता दें कि इससे पहले चीन, अमेरिका और सोवियत संघ ने चंद्रमा पर सफल लैंडिग की थी।
आगे भी जारी रहेगा SHAPE पेलोड
इस मिशन योजना को टकराव से बचने को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था जैसे कि पीएम को चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने से रोकना या पृथ्वी के जीईओ बेल्ट में 36000 किमी और उससे नीचे की कक्षाओं में प्रवेश करने से रोकना।
योजना के मुताबिक जब भी पृथ्वी अपने दृश्य क्षेत्र में होती है तो SHAPE पेलोड संचालित किया जाता है। इसके अलावा, 28 अक्टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण के दौरान SHAPE पेलोड का एक विशेष ऑपरेशन किया गया था। शेप पेलोड ऑपरेशन आगे भी जारी रहेगा।