City Command Center: हार्ट अटैक (Heart Attack) है या सीने में सामान्य दर्द, अक्सर लोग इस बात को समझ नहीं पाते हैं और पीड़ित को लेकर कार्डियोलॉजी संस्थान पहुंच जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए कार्डियोलॉजी संस्थान में कार्डियक कमांड सेंटर बनाने का फैसला लिया गया है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कमांड सेंटर पीड़ितों को घर बैठे सही सलाह उपलब्ध कराएगा।
मरीज या उसके तीमारदार से सेंटर में बैठे डॉक्टर कुछ सवाल पूछने के बाद ऑनलाइन इलाज शुरू कर देंगे। इससे न सिर्फ हार्ट अटैक के मरीजों को समय से इलाज मिलना सुनिश्चित होगा, बल्कि सीने का सामान्य दर्द होने पर संस्थान तक दौड़ लगाने से राहत मिलेगी।
कई लोगों को नहीं हो पाती हार्ट अटैक की जानकारी
रावतपुर स्थित एलपीएस कार्डियोलॉजी संस्थान में प्रतिदिन ऐसे कई मरीज पहुंचते हैं, जिनको सीने में दर्द होता है, लेकिन वह उसे दिल का दर्द समझ लेते हैं। यहां जांच कराने पर सब कुछ नॉर्मल आता है तो मरीज या उसके तीमारदारों को लगता है कि बेकार ही पूरे दिन परेशान हुए, लेकिन हार्ट अटैक (Heart Attack Treatment) की स्थिति होने पर कई लोगों को जानकारी नहीं होती कि इसके क्या लक्षण हैं और ऐसे में जटिलताओं को कम करने के लिए क्या करना है।
इसी समस्या को दूर करने के लिए कार्डियोलॉजी संस्थान में कार्डियक कमांड सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। चारों जोन में अलग-अलग टोल फ्री नंबर जारी किए जाएंगे।
10 सवालों के जवाब बताएंगे हार्ट अटैक या सामान्य दर्द
टोल फ्री नंबर पर कॉल या वीडियो कॉल आने पर हृदय रोग विशेषज्ञ मरीज या तीमारदार से बीमारी से संबंधित 10 अहम सवाल पूछेंगे और लक्षणों के आधार पर डॉक्टर पता लगाएंगे कि मरीज को हार्ट अटैक है या सीने में सामान्य दर्द। हार्ट अटैक की स्थिति में मरीज का घर पर ही इलाज शुरू करके उसे कॉर्डियोलॉजी संस्थान में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
आधुनिक तकनीक से लैस चार एंबुलेंस की मांग
कार्डियोलॉजी संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश वर्मा ने बताया कि इस सुविधा को शुरू करने के लिए शासन से आधुनिक तकनीक से लैस चार एंबुलेंस मांगी गई थीं, जिनमें तीन एंबुलेंस आ चुकी हैं। एंबुलेंस में आईसीयू की तरह मरीज को सुविधा मिलेगी। इसमें जीवनरक्षक दवाओं के साथ सभी जरूरी उपकरण मौजूद हैं। एक और एंबुलेंस आने के बाद कमांड सेंटर की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
हाइब्रिड ओटी का भी प्रस्ताव भेजा
कार्डियोलॉजी संस्थान में प्रतिदिन शहर के साथ ही आसपास के जिलों से सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं, इनमें से कई मरीजों को जल्दी ही ऑपरेशन की जरूरत होती है, लेकिन ऑपरेशन थियेटर खाली न होने से उन्हें इंतजार करना पड़ता है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए संस्थान में हाईब्रिड ओटी के निर्माण के लिए निदेशक ने बीते दिनों शासन को प्रस्ताव भेजा है।