देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जहरीली हवाओं से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार दिल्ली में कृत्रिम बारिश करवा सकती है। कृत्रिम बारिश की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को सौंपी गई है।
दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है केजरीवाल सरकार।#DelhiFightsPollution pic.twitter.com/2RBiFbeli7
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) November 8, 2023
अब कृत्रिम वर्षा का है विकल्प
दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर से इस संबंध में पूरी जानकारी मांगी है। इसके बाद आईआईटी कानपुर से मिले प्रस्ताव को दिल्ली सरकार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी और बताएगी कि वो प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश के विकल्प पर आगे बढ़ना चाहती है।
SC से परमिशन लेगी सरकार
अगर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में कृत्रिम वर्षा को लेकर हरी झंडी देता है तो दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर परमिशन लेने की प्रक्रिया शुरू करेगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और वित्त मंत्री आतिशी ने आईआईटी कानपुर की टीम के साथ बैठक की और कृत्रिम बारिश का पहला पायलट करने के लिए गुरुवार को विस्तृत प्रस्ताव देने को कहा।
इस दिन हो सकती है कृत्रिम बारिश
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आईआईटी कानपुर की टीम ने कहा है कि कृत्रिम बारिश करवाने के लिए आसमान में कम से कम 40% बादल चाहिए। 20 और 21 नवंबर को बादल बनने की संभावना दिख रही है। अगर हमें उससे पहले इजाजत मिल जाए तो हम पहली पायलट कर सकते हैं। मौसम विभाग ने साफ कहा है कि अगर बादल या नमी हुई तो तभी कृत्रिम बारिश हो सकती है।
सरकार ने इसलिए लिया ये फैसला
गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदूषण से बुरा हाल है। एक्यूआई का स्तर 500 के आसपास पहुंच गया, जो काफी गंभीर श्रेणी में है। स्कूलों को पहले बंद कर दिया गया है। ओला-ऊबर की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। ग्रैप-4 के सारे नियम लागू है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट पहले ही केजरीवाल सरकार को बढ़ते प्रदूषण को लेकर फटकार लगा चुका है। आखिरकार केजरीवाल सरकार कृत्रिम वर्षा का सहारा लेने जा रही है।