मद्रास हाईकोर्ट ने आज आय से अधिक संपति के मामले में तमिलनाडु के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी और उनकी पत्नी को 3 साल की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों के खिलाफ 50-50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। दोनों 1.75 करोड़ रुपए की आय से ज्यादा प्रॉपर्टी मामले में दोषी पाए गए थे।
शिक्षामंत्री को तीन साल की जेल
इस मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद के पोनमुडी विधायक पद के लिए अयोग्य हो गए हैं। साथ ही उन्होंने मंत्री का पद भी खो दिया। मामले में कोर्ट का फैसला आने से पहले तक वे उच्च शिक्षा मंत्री थे। अब ये विभाग पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री आरएस राजकन्नप्पन को दे दिया गया है। तमिलनाडु के राजभवन की ओर से इसकी जानकारी दी गई है।
निजली अदालत ने किया था बरी
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि से इसकी सिफारिश की थी, जिसे राजभवन ने मंजूरी दे दी। बता दें कि साल 2016 में सेशन कोर्ट ने इस मामले में के पोनमुडी और उनकी पत्नी को सबूतों का अभाव होने के चलते बरी कर दिया था। 19 दिसंबर को कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए दोनों को दोषी करार दिया था। तब कोर्ट ने कहा सप्ताह के अंत में सजा सुनाने की बात कही थी।
कोर्ट ने आत्मसमर्पण ने कहा
ये फैसला न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने सुनाया है। कोर्ट के फैसले के बाद आरोपियों के वकील एनआर एलांगो ने अपील की है कि पूर्व मंत्री की सजा 30 दिन के लिए निलंबित की जाए। जिससे वो सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकें। हाईकोर्ट ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि निलंबन का समय पूरा होने के बाद उन्हें विल्लुपुरम में ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करना होगा।
मद्रास HC ने तमिलनाडु के मंत्री और उनकी पत्नी को सुनाई 3 साल की सजा, 50 लाख का लगाया जुर्माना
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