Cash For Query Case: तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress Party) की संसद महुआ मोइत्रा गुरुवार को लोकसभा के आचार समिति यानी एथिक्स कमेटी (Ethics committee) के सामने पेश हुई। पेशी के बाद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) गुस्से में बाहर आईं और एथिक्स कमिटी पर जमकर भड़की। उन्होंने कमेटी पर ही अनैतिक सवाल पूछने के आरोप लगा दिए। मोइत्रा के साथ विपक्षी सांसद भी शोर शराबा करते हुए बाहर आए।
- विज्ञापन -#WATCH | Delhi: Opposition parties MPs including TMC MP Mahua Moitra and BSP MP Danish Ali, walked out from the Parliament Ethics Committee meeting.
TMC MP Mahua Moitra appeared before the Parliament Ethics Committee in connection with the ‘cash for query’ charge against her. pic.twitter.com/EkwYLPnD1O
— ANI (@ANI) November 2, 2023
आपको बता दें कि मोइत्रा पर कथित तौर पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगा है। मामले की जांच कर रही समिति ने उनको जवाब देने के लिए तलब किया था, लेकिन बैठक के दौरान पूछे जाने वाले सवालों को लेकर जमकर हंगामा होने लगा। इसके बाद समिति में विपक्षी सदस्य वॉकआउट कर गए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मोइत्रा से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल किए गए। कांग्रेस सदस्य और उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि लोकसभा आचार समिति के अध्यक्ष की ओर से टीएमसी सांसद महुआ से पूछे गए सवाल हमें अनैतिक लगे। हालांकि लोकसभा की आचार समिति ने महुआ मोइत्रा और विपक्षी सदस्यों के वॉकआउट (Mahua Moitra walkout with other opposition members) के बाद भी चर्चा जारी रखी।
वहीं पेशी के बाद मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (OM Birla, Loksabha Speaker) को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष पर अनैतिक व्यवहार और पक्षपात का आरोप लगाया। मोइत्रा ने इसे कमेटी के सभी सदस्यों के सामने उनका ‘वस्त्रहरण’ करना बताया। मोइत्रा ने लेटर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है।
My letter emailed to the Honourable @loksabhaspeaker pic.twitter.com/2wGlWTTej6
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 2, 2023
आपको बता दे कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था। शिकायत पत्र में दुबे ने लिखा कि मोइत्रा ने लोकसभा में अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए थे। दुबे ने इस पत्र को एथिक्स कमेटी के पास भेजने का आग्रह किया था।
मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि आरोप कोई भी लगा सकता है लेकिन उसे साबित करने की जिम्मेदारी शिकायतकर्ता की होती है। मोइत्रा ने कहा की एथिक्स कमेटी को सौंप गए हलफनामे में कहीं भी उनके द्वारा 2 करोड़ रुपए नगद लेने का जिक्र नहीं किया गया। मोइत्रा ने बीजेपी सांसद की ओर से लगाए सभी आरोपी को खारिज कर दिया था।