Manipur Violence: मणिपुर में सोमवार को दोपहर को एक घटना घटी। ईस्ट इम्फाल में दो समुदायों के बीच तकरार हुई और उसके बाद हिंसा बढ़ गई। कुछ लोग निर्दोष लोगों के घरों में तोड़फोड़ की और आग लगाई। साथ ही, कैंप में रहने वाले लोगों पर हमला किया गया। स्थिति को संभालने के लिए सेना और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई हैं। सूत्रों के अनुसार, राजधानी इम्फाल के न्यू चेकॉन इलाके में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच मारपीट हुई। स्थानीय बाजार में जगह के मामले में झड़प शुरू हुई थी। इसके बाद इलाके में आग के बीच कर्फ्यू लगा दिया गया है। पिछले एक महीने से अधिक के समय से मणिपुर में विभिन्न मुद्दों के कारण समुदायों के बीच तनाव है।
काफी वक्त से चल रही हिंसा
इस महीने की शुरुआत में मणिपुर में विवाद हुआ था, जब आदिवासियों ने मेइती जनजाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की और इसके खिलाफ 3 मई को एकजुटता मार्च आयोजित किया था। इस हिंसा में एक हफ्ते से अधिक का समय बिता, और इसके दौरान 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। करोड़ों रुपये की संपत्ति नुकसान में आग के शिकार हो गई थी और हजारों लोग सरकारी आश्रय स्थलों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए थे।
क्यों नाराज हैं आदिवासी
रिजर्व फॉरेस्ट लैंड से कूकी ग्रामीणों को हटा दिया जाने से पहले भी कई संघर्ष हुए, जिसके कारण कई छोटे आंदोलन हुए। यहां राज्य की आबादी में 64% हिस्सा मेंटी समुदाय का हिस्सा है। राज्य के 10% क्षेत्र पर उनका कब्जा है क्योंकि गैर-आदिवासी लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन खरीदने की अनुमति नहीं होती है। यदि उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए, तो वे पहाड़ी क्षेत्र में जमीन खरीद सकते हैं। इसी कारण से आदिवासी लोग नाराज हैं।
पैरामिलिट्री फोर्सेज और आर्मी भी लगातार राज्य में पेट्रोलिंग कर नागरिकों की मदद में जुटी हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा दिलाया है कि जो भी लोग हिंसा में शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्होंने दो समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है।