मणिपुर से अच्छी खबर सामने आई है। राज्य के सबसे पुराने विद्रोही आर्म्ड ग्रुप यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने आज यानी बुधवार को दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। अब ये ग्रुप हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है।
इस विद्रोही गुट ने छोड़ी हिंसा
बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने इस ग्रूप पर पांच साल का बैन बढ़ाया था। जिसके बाद यूएनएलएफ ने ये फैसला लिया है। इसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह भी खुशी जताई है। शाह ने लिखा कि मैं इनका लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में स्वागत करता हूं।
अमित शाह ने जताई खुशी
उन्होंने आगे लिखा कि ये पीएम मोदी के सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और बड़ी उपलब्धि है।
The peace agreement signed today with the UNLF by the Government of India and the Government of Manipur marks the end of a six-decade-long armed movement.
It is a landmark achievement in realising PM @narendramodi Ji's vision of all-inclusive development and providing a better… pic.twitter.com/P2TUyfNqq1
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 29, 2023
पांच साल का बढ़ाया गया था बैन
बीते 13 नवंबर को केंद्र सरकार ने मणिपुर के UNLF सहित कुल पांच उग्रवादी ग्रुप्स पर लगे बैन को पांच साल बढ़ा दिया था। साथ ही पांच अन्य उग्रवादी ग्रुप्स पर भी पांच साल का बैन लगाया था। ये बैन इनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के कारण लगाया गया।
A historic milestone achieved!!!
Modi govt’s relentless efforts to establish permanent peace in the Northeast have added a new chapter of fulfilment as the United National Liberation Front (UNLF) signed a peace agreement, today in New Delhi.
UNLF, the oldest valley-based armed… pic.twitter.com/AiAHCRIavy
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 29, 2023
मणिपुर का सबसे पुराना गुट है ये समुह
ये ग्रुप मणिपुर में सक्रिय हैं। ये निर्णय तब लिया गया जब केंद्र को लगा कि ये संगठन मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है और हानिकारक गतिविधियों में शामिल है। यूएनएलएफ ग्रूप मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है। इसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 में की गई थी।