पहले लोग किसी भी प्रवासी भारतीय से अपनी बेटी की शादी करने पर गर्व करते है। वहीं अब भारतीय महिलाओं को किसी नॉन रेजिडेंट ऑफ इंडिया यानी NRI से शादी करना भारी पड़ रहा है। दरअसल विदेश मंत्रालय ने एनआरआई लड़कों द्वारा दुल्हनों को छोड़े जाने के बाद भारत के लॉ कमीशन से NRI विवाहों के मुद्दे की जांच करने की मांग की है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक कानून और निजी कानूनों के संबंध में अपने ढांचे को मजबूत करने के लिए भी कहा है।
जानकारी के मुताबिक हाल ही में विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में कानून आयोग को वर्तमान संबंधित कानूनों में कमियों की जांच करने के लिए संदर्भ भेजा है। बता दें कि एनआरआई विवाह में ज्यादातर पुरुष अपनी दुल्हनों को छोड़ देते हैं, ऐसे में ये जैसी समस्याएं आए दिन बढ़ती जा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक लॉ कमीशन इस मुद्दे से निपटने के लिए एक स्ट्रक्चरल फ्रेमवर्क की जांच कर रहा है। लॉ कमीशन के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक कानून और निजी कानूनों पर भी गौर करेगा। इसमें जरूरी बात ये है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उल्लंघन करने वालो को फायदा पहुंचाने वाली कमियों की रोकथाम का समाधान किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट के सभी जरूरी प्रोसीजर को कैसे पूरा किया जा सकता है। आयोग एनआरआई और विदेशी विवाह अधिनियम के विवाह के पंजीकरण पर 2019 के बिल पर भी ध्यान देगा।
NRI वैवाहिक मुद्दों से जुड़ी ज्यादा शिकायतें
विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि प्रवासी भारतीयों (NRI) से शादी करने वाली भारतीय महिलाओं के वैवाहिक मुद्दों से जुड़ी शिकायतें बड़ी संख्या में मिल रही हैं। जिसमें शादी के बाद भारत में ही पत्नी को छोड़ देना, पति या पत्नी द्वारा वीजा के काम में देरी, पति या पत्नी द्वारा बातचीत बंद करने के मामले, पति और ससुराल वालों द्वारा महिलाओं का उत्पीड़न और पति या पत्नी द्वारा एकतरफा तलाक जैसी शिकायतें शामिल हैं। इसके साथ ही इन मामलों में अक्सर बच्चों की हिरासत से जुड़े मुद्दे भी शामिल होते हैं।
मंत्रालय करती है पीड़ित महिलाओं का मार्गदर्शन
मंत्रालय का कहना है कि ऐसे मामलों में पीड़ित भारतीय महिलाओं को कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में उचित परामर्श, मार्गदर्शन और जानकारी दी जाती है। भारतीय मिशन और केंद्र पीड़ित महिलाओं सहित अन्य भारतीयों की शिकायतों के समाधान के लिए वॉक-इन सेशन और ओपन हाउस बैठकें भी आयोजित करता है। इसके अलावा MADAD और CPGRAM पोर्टल के माध्यम से भी शिकायतों का समाधान किया जाता है। इसके अलावा मिशन और पोस्ट आपातकालीन स्थितियों के लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर भी जारी हैं।