जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहारियों के पीछे रहने की बड़ी वजह बताई है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पिछले 15 महीने से बिहार में पद यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान जहां वो बिहार और बिहार के वोटरों को समझने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं लगातार लालू-नीतीश और भाजपा पर हमला बोल रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि “दक्षिण भारत के जितने भी राज्य हैं केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, वहां कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां 10 साल से ज्यादा कोई मुख्यमंत्री रहा हो। लेकिन, बिहार में बीते 32 साल से लालू-नीतीश का राज है। यहां लोकतंत्र को ही खत्म कर दिया है, ये रहेंगे फिर उसके बाद इनके बेटे। अगर, आपको मालूम है कि परीक्षा में 80 परसेंट आना ही है, तो पढ़ेंगे क्यों। अगर, नेता को मालूम है कि जनता उसे ही वोट देगी ही तो वो काम करेगा क्यों।”
“तेजस्वी यादव को भी पता है मुसलमान मेरे बंधुआ मजदूर मुझे ही करेंगे वोट”
प्रशांत किशोर ने बिहार के गांवों की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि “जितने भी गांवों में मैं अभी तक गया हूं दलितों के बाद सबसे ज्यादा गरीबी, फटेहाली मुझे मुसलमानों के गांवों में देखने को मिली है। लेकिन, वही मुस्लमान जब कहता है हमारे यहां सड़क खराब है, नाली-गली ठीक नहीं है, नल-जल का पानी नहीं मिलता, अस्पताल नहीं है, स्कूल नहीं है। तब मैं उनसे पूछता हूं कि सड़क एवं परिवहन विभाग के मंत्री कौन हैं, तेजस्वी यादव, ग्रामीण विकास कार्य मंत्री कौन हैं, तो तेजस्वी यादव, आप कहते हैं बच्चे बीमार पड़ते हैं, अस्पताल नहीं है, तो स्वास्थ्य विभाग के मंत्री कौन हैं, तेजस्वी यादव, आप कहते हैं मधुबनी-दरभंगा में सड़क खराब है, तो शहरी विकास मंत्री कौन हैं, तेजस्वी यादव। फिर जब वोट होगा, तो सारे मुसलमान उठकर तेजस्वी यादव को वोट देंगे। तो सुधार कैसे होगा। तेजस्वी यादव को भी यह पता है कि ये लोग हमें ही वोट देंगे, ये बंधुआ मजदूर हैं।
PK ने भाजपा पर भी निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा “भाजपा के वोटरों का भी यही हाल है। भाजपाईयों को ये पता है कि काम हो चाहे ना हो, जो भी लालू जी से डरते हैं वो वोट हमें ही देंगे। अशोक पेपर मील चालू नहीं हुआ तो मोदी जी चालू क्यों नहीं करा दे रहे हैं। दरभंगा से सांसद जीताकर भेजा है, बावजूद इसके पेपर मील चालू नहीं हुआ। सारी शिकायतों के बाद जब चुनाव होगा तो लोग कहेंगे कि लालू से अच्छा तो मोदी ही है और उसे वोट दे देंगे।”
प्रशांत किशोर जो बात कह रहे हैं वो अक्सर आम लोग आपस में चर्चा के दौरान कहते हैं। वर्तमान राजनीति भी ऐसी ही हो गई है। जिसमें जब भी हमें अपना नेता या प्रतिनिधि चुनना होता है तो हम सबसे कम बुरे नेता को चुनने का प्रयास करते हैं।