MP Election 2023 : पांच साल में दो सरकार देख चुकी एमपी की जनता के सामने नई सरकार चुनने के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के चेहरे हैं। मध्यप्रदेश की 16वीं विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly Election) के गठन के लिए आज मतदान हो रहा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए यह चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। मतदाताओं ने 15 महीने की कमल नाथ (Kamalnath) सरकार भी देखी और साढ़े तीन वर्ष की शिवराज सरकार (Shivraj Singh Chouhan) भी देखी है।
मध्य प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए ढाई लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं। यहां शाम 6 बजे तक मतदान होगा। बता दें कि पिछले चुनाव में यहां में 75.63 प्रतिशत मतदान (MP Election 2023) हुआ था। आयोग को उम्मीद है कि यहां 80 प्रतिशत से अधिक मतदान होगा, वहीं तीन दिसंबर को सभी प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा।
इंदौर में बनाया गया स्मार्ट मतदान केंद्र
बता दें कि इंदौर के नंदानगर में मां कनकेश्वरी देवी राजकीय महाविद्यालय में एक स्मार्ट मतदान केंद्र भी स्थापित किया गया है। यहां लोगों को लाइनों में लगने की जरूरत नहीं है। वे बिना कतार में खड़े मतदान कर सकते हैं। वोट देने के बाद मतदाता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरे से सेल्फी ले सकते हैं।
BJP ने 41 लाख कार्यकर्ताओं को लगाया काम पर
इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मतदान बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बीजेपी और RSS ने संयुक्त रूप से मतदान बढ़ाने को लेकर अभियान चलाया है। पार्टी ने पहले मतदान फिर जलपान का नारा दिया है। बीजेपी अपने 41 लाख कार्यकर्ताओं के जरिए ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाना चाहती है। इसके साथ ही हर बूथ पर नजर रखने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी भी दी है।
आदिवासी सीटों पर वोट प्रतिशत बढ़ाने का टारगेट
बता दें कि एमपी विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) में इस बार 47 आदिवासी सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का भी लक्ष्य है। निर्वाचन आयोग के साथ-साथ बीजेपी और कांग्रेस का भी आदिवासी सीटों पर ज्यादा फोकस है। आयोग ने अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित प्रत्येक विधानसभा सीट में कम मतदान वाले 50-50 मतदान केंद्र चिन्हित किया था। इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया था।