Mumbai Attack: कैलिफोर्निया की एक अमेरिकी अदालत ने 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की परमिशन दे दी है। भारत ने 10 जून, 2020 को प्रत्यर्पण की दृष्टि से राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की थी। जिसके बाद बाइडेन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।
कैलिफोर्निया के जिला अदालत ने 16 मई को आदेश में कहा कि न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है। न्यायाधीश के मुताबिक अदालत का निष्कर्ष है कि राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिनमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है।
भारत लाने की तैयारी
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत की तरफ से प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था जिस पर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने कहा है कि वो राजनयिक माध्यमों से उसे भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने को तैयार है। याद हो तो पाकिस्तान बेस्ड लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26/11 हमलों में राणा की भूमिका की जांच एनआईए कर रही है।
अदालती सुनवाई के दौरान अमेरिकी सरकार की तरफ से तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है और हेडली की सहायता करके उसने आतंकवादी संगठन और सहयोगियों की मदद की। वहीं दूसरी तरफ राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। मुंबई आतंकी हमलों में 6 अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इस पूरी घटना को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है और न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि राणा का भारत प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में आता है। इन हमलों में आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी।