National Technology Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे के मौके पर कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और स्मारक डाक टिकट व सिक्का भी जारी किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वह उस दिन को कभी नहीं भूल सकते जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। इससे भारत ने अपने वैज्ञानिक क्षमता को साबित करके नहीं बल्कि विश्व स्तर पर अपनी महत्ता को भी बढ़ाया था।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है जिसके कारण बहुत से बड़े बदलाव हुए हैं। पहले जो विज्ञान केवल किताबों तक सीमित था, वह अब प्रयोगों से आगे बढ़कर पेटेंट में बदल रहा है। भारत में 10 साल पहले, 1 साल में 4 हजार पेटेंट दर्ज होते थे लेकिन आज इनकी संख्या लगभग 30,000 से भी ऊपर हो चुकी है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमने जो स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया था, जिससे डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत हुई थी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी, उन सभी योजनाओं ने भारत को तकनीकी क्षेत्र में सफल बनाया और नई ऊँचाइयों को प्राप्त करने में सहायता की।
इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत को भी चिह्नित किया है। इस उत्सव को 11-14 मई तक मनाया जाएगा और इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे।
इस दौरान पीएम मोदी ने देश में वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति से संबंधित 5800 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी है व राष्ट्र को समर्पित किया है।
प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया), हिंगोली; होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जटनी, ओडिशा; और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई का प्लेटिनम जुबली ब्लॉक का उद्घाटन किया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का उत्सव 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा शुरू किया गया था।
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