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नेपाल में विनाशकारी बाढ़: 112 की मौत, दर्जनों पुल बह गए

Nepal

Nepal Floods 2024: नेपाल के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का रूप ले लिया है। काठमांडू घाटी और अन्य प्रभावित इलाकों में जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। अब तक 112 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 64 से ज्यादा लोग लापता हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा नुकसान

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काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिली है, जहां पिछले 40-45 वर्षों में ऐसी भीषण बाढ़ नहीं देखी गई थी। सशस्त्र पुलिस बल की रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में 48 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश और बाढ़ से 195 मकान और 8 पुल पूरी तरह से बह गए हैं, जिससे परिवहन व्यवस्था ठप हो गई है।

राहत कार्य और बचाव अभियान

बचाव दल और सुरक्षाकर्मी लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। अब तक 3,100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, लेकिन बाधित सड़कों और राजमार्गों के कारण राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है। हजारों लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं और जल्द ही बचाव की जरूरत है।

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जलवायु परिवर्तन और बारिश का असामान्य पैटर्न

आईसीआईएमओडी के जलवायु विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ के अनुसार, काठमांडू घाटी में इस तरह की भीषण बाढ़ कभी नहीं देखी गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की स्थिति और मानसून के असामान्य व्यवहार के कारण यह अप्रत्याशित बारिश हुई। जलवायु परिवर्तन के चलते एशिया के विभिन्न हिस्सों में बारिश के पैटर्न में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं, जो ऐसी प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।

भविष्य की चुनौतियां और राहत प्रयास

नेपाल में इस विनाशकारी स्थिति से उबरने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की आवश्यकता है। सरकार और राहत एजेंसियों को बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारियां करनी होंगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से नुकसान को कम किया जा सके।

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