मालदीव अब अपने देश में तैनात भारतीय सैनिकों को बाहर निकालेगा। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पद संभालने से पहले ही ये ऐलान कर दिया है कि मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाया जाएगा। मालदीव में इस समय 75 भारतीय सैनिक तैनात है।
नए राष्ट्रपति ने किया ऐलान
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद भारतीय सैनिकों से वहां से चले जाने का आह्वान किया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया भारतीय सैनिकों की जगह मालदीव में कोई चीनी सैनिक नहीं लेगा। उन्होंने बताया कि वह भारतीय सैनिकों की जगह चीनी सेना लाकर क्षेत्रीय संतुलन को फिर से बिगाड़ना नहीं चाहते हैं।
Chinese troops will not replace Indians, Maldives leader says.
Incoming president Mohamed Muizzu has vowed to expel Indian troops after taking office, but tells @AFP he does not want to redraw regional balance by bringing in Chinese forces insteadhttps://t.co/FjW80E1TVl pic.twitter.com/fKw7kPiSpY
— AFP News Agency (@AFP) November 15, 2023
चीन से रिश्तों पर बोली बड़ी बात
उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उलझने के लिए मालदीव बहुत छोटा है। मुझे मालदीव की विदेश नीति को इसमें शामिल करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने साफ कर दिया कि बीजिंग से कुछ खास करीब नहीं है। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ मालदीव के समर्थक है। उन्होंने कहा कि हमारे रिश्ते सभी देशों से अच्छे होने चाहिए।
नए राष्ट्रपति को माना जाता है चीनी समर्थक
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू शुक्रवार को शपथ लेंगे। उन्हें चीनी समर्थक माना जाता है। बता दें कि चुनावी कैंपेन के दौरान उन्होंने इंडिया आउट का नारा दिया था। उन्होंने आगे कहा कि मालदीव के लोगों ने मालदीव में किसी भी सैन्य उपस्थिति की अनुमति देने के लिए मुझे वोट नहीं दिया है। इसलिए हम उन्हें हटाने के लिए भारत सरकार से बात कर रहे हैं।
इसलिए तैनात है भारतीय सैनिक
बता दें कि भारत ने साल 2010 और 2013 में मालदीव को दो हेलीकॉप्टर और 2020 में एक छोटा विमान गिफ्ट के तौर पर दिया था। जिसके बाद मालदीव में काफी बवाल हुआ था।। मुइज्जू के नेतृत्व में विपक्ष ने उस समय के राष्ट्रपति सोलिह पर इंडिया फर्स्ट नीति का अपनाने का आरोप लगाया था।
वहीं भारत का कहना है कि तोहफें में दिए गए विमान का इस्तेमाल खोज-बचाव अभियानों और मरीजों को लाने के लिए किया जाना था। मालदीव की सेना ने 2021 में बताया था कि इस विमान के संचालन और उसकी मरम्मत के लिए भारतीय सेना के 70 से ज्यादा जवान देश में मौजूद हैं। इसके बाद मालदीव के विपक्षी दलों ने इंडिया आउट का नारा दिया था।