उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में अभी भी 41 मजदूर फंसे हुए हैं। पिछले 8 दिनों से ये मजदूर मदद का इंतजार कर रहे हैं। आज यानी रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया।
नीतिन गडकरी और सीएम पहुंचे उतरकाशी
अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों ने नीतिन गडकरी से मिलने की मांग की। लेकिन पुलिस ने टनल के आसपास के हिस्से को बैरिकेड कर दिया। टनल के ऊपरी सतह से ड्रिलिंग के लिए हॉलैंड से मशीन मंगाई गई है। इस मशीन के आज शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। टनल को सुरक्षित करने के लिए रेलवे ने आज सुबह एक और मशीन ऋषिकेश से मंगवाई है। यह टनल में मलबा गिरने से रोकने का काम करेगी।
8 दिन से फंसे है 41 मजदूर
बता दें कि उतरकाशी में ये हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर दूर 60 मीटर मिट्टी धंस गई थी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। शुरू में 40 मजदूर बताए जा रहे थे। मलबा 70 मीटर तक फैला गया है। ये मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।
अब प्रशासन ने मंगाई ये मशीन
ऐसा नहीं कि प्रशासन ने बचाव के लिए कुछ किया न हो। पिछले 7 दिन में रेस्क्यू के लिए आईं 4 मशीनें और तीन प्लान फेल हो चुके हैं। नई रणनीति के तहत आठ एजेंसियां जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ है वो एक साथ 5 तरफ से टनल में ड्रिलिंग करेंगी।
पहले तीन पॉइंट पर रेस्क्यू के लिए ड्रिलिंग होगी। पहली सिलक्यारा टनल से 350 मीटर आगे नई सुरंग खोदने के लिए पहाड़ समतल कर सड़क बनी दी गई है। वहीं सिलक्यारा टनल पर हैवी ऑगर्स मशीन तैयार है।