Priyanka Gandhi: कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद आज संसद में कई मुदे उठाए। लेकिन प्रियंका गाधी अपनी स्पीच में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के अरुण वाल्मीकि का जिक्र किया, प्रियंका आज से तीन साल पहले इनके परिवार से मिलने भी गईं थीं। आखिर कौन थे अरुण वाल्मीकि जिनकी हत्या पुलिस हिरासत में कर दी गई थी।
क्या है पूरा मामला?
प्रियंका गांधी ने आगरा के जिन अरुण वाल्मीकि का जिक्र किया, उनकी पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी। साल 2021 में भी यह मामला बेहद चर्चा का मुद्दा बना था। प्रियंका 21 अक्टूबर, 2021 को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए आगरा जाते समय उनकी पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई थी। पुलिस कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें आगरा जाने से रोक रही थी, लेकिन बाद में उन्हें इसकी अनुमति दे दी गई।
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अरुण वाल्मीकि पर चोरी का इल्जाम
अरुण वाल्मीकि आगरा के जगदीशपुरा थाने में मालखान पेशे से सफाईकर्मी थे और अरुण पर आरोप था कि उन्होनें आगरा के जगदीशपुरा पुलिस स्टेशन से करीब 25 लाख रूपये की चोरी की है। जिमके कारण पुलिस ने उन्हे हिरासत में लिया था और पूछताछ के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, तब उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जबकि पीड़ित परिवार ने कस्टडी में मारपीट का आरोप लगाया था। साथ ही चोरी के बाद 6 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया था वहीं अरूण की मृत्यु के बाद वाल्मीकि समाज के लोग एक हो कर इस मामले की पारदर्शी जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था।
मामला संसद में कैसे पहुंचा?
प्रियंका गांधी के लोकसभा पहुंचने का रास्ता राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट से इस्तीफा देने के चलते मिला। दरअसल, राहुल को लोकसभा चुनाव में रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से जीत मिली थी। नियम अनुसार उन्हें एक सीट से इस्तीफ़ा देना था। उनके वायनाड से इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव कराए गए, जिसमें प्रियंका गांधी ने जीत हासिल की। उन्हें कुल 4 लाख वोट मिले थे।
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