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कतर की जेल में बंद 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को राहत, मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील स्वीकार, जल्द होगी सुनवाई

कतर की अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा के खिलाफ लगाई गई याचिका को मंजूर कर लिया है। इसको लेकर जल्द ही सुनवाई की तारीख भी तय की जाएगी। भारत सरकार ने 15 दिन पहले नौसैनिकों की सजा के खिलाफ अपील की थी। लेकिन इस मामले में अभी तक कतर या भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पूर्व नौसेनिकों की सजा ए मौत पर अपील स्वीकार
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 9 नवंबर को अपील दायर करने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि ये बेहद संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा था कि भारत को इन सैनिकों से मुलाकात के लिए दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस भी मिल गया है। भारत सरकार लगातार कतर के संपर्क में है। बागची के अनुसार पूर्व नौसैनिकों के परिवारों की तरफ से सजा-ए-मौत के खिलाफ हायर कोर्ट में अपील दायर की जा चुकी है।

जासूसी के लगे थे आरोप
बता दें कि कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश पूर्व नौसेनिक अफसर है, जिन्हें कतर की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। इन पर जासूसी के आरोप लगे हैं।
भारत ने ली तुर्किये की मदद
बीते 26 अक्टूबर को कतर की एक कोर्ट ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुना दी। इन आठ भारतीयों नौसेनिक अफसर पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है। अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इनफॉर्मेशन इजराइल को देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि भारत कतर को मनाने के लिए तुर्किये की मदद ले रहा है।

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