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Qatar से 8 पूर्व नौसैनिक जल्द होंगे रिहा? भारत ने इस देश से लगाई मदद की गुहार !

Death Penalty to Ex-Indian Navy Officers: पिछले सप्ताह कतर (Qatar) की एक अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत का फरमान सुनाया था। कतर की अदालत के इस फैसले के बाद पूरे भारत में उथल-पुथल मच गया। नौसैनिकों के परिवार से लेकर देश के बड़े बड़े अधिकारी और मंत्री भी चिंता में पड़ गए। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इस फैसले पर बहुत हैरानी जताई। नौसैनिकों की रिहाई को लेकर तभी से लगातार माथा पच्ची जारी है, सरकार रिहाई के लिए अलग-अलग विकल्पों को तलाशने में जुटी हुई है।

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जानकारी के अनुसार भारत अब पाकिस्तान के बेहद करीबी देश तुर्की को भी विकल्प के तौर पर देख रहा है। कहा जा रहा है कि कतर के शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के परिवार से तुर्की के रिश्ते काफी अच्छे हैं। ऐसे में भारत सरकार कई अधिकारी तुर्की को मध्यस्थ बनाने की पहल पर जोर दे रहे थे, इसलिए सरकार की तरफ से भी अब तुर्की से मदद की गुहार लगाई गई है।

इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि इस मामले में भारत ने अमेरिका से भी बातचीत की है। रणनीतिक तौर पर अमेरिका की पकड़ कतर पर मजबूत है, ऐसे में वह भी मददगार साबित हो सकता है। वहीं अगर कोई भी कूटनीतिक प्रयास सफल नहीं होता तो शायद फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले को संभालेंगे।

मौत की सजा पाने वाले कप्तान नवतेज सिंह गिल, कप्तान सौरव वशिष्ठ, कप्तान वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूरेनेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक राकेश है। ये आठों पूर्व भारतीय अधिकारी कतर की एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिस एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। भारत के राजदूत ने इसी साल जेल में इनसे मुलाकात की थी।

बता दें कि कतर ने इन आठ नौसेना अफसरों पर कथित रूप से इजरायल के लिए जासूसी का आरोप लगाया है जिसके बाद पिछले साल अगस्त में इन्हें गिरफ्तार किया गया था और अब 26 अक्टूबर को इन्हे मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि अभी तक कतर के अधिकारियों ने उनके खिलाफ लगाए किसी भी आरोप को सार्वजनिक नहीं किया है।

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