कतर (Qatar) में भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा (Death penalty to 8 Former Indian Navy Officers) सुनाए जाने के मामले पर भारत सरकार ने एक बार फिर से जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी साझा की है।
अरिंदम बागची ने कहा कि यह मामला अब अपीलीय कोर्ट में है। इस मामले में कतर (Death Penalty in Qatar Court) की अपील कोर्ट में अब तक तीन बार सुनवाई हो चुकी है।
बागची ने आगे बताया कि कतर की राजधानी दोहा में भारत के राजदूत को 3 दिसंबर को सभी आठ नौसेना कर्मियों से मिलने के लिए कॉन्सुलर एक्सेस मिला था।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मैं आपको कुछ नहीं बता सकता। हमें इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि किन लोगों को माफ किया गया था और कितने भारतीय वहां थे। साथ ही हमें इसके भी संकेत नहीं मिले हैं कि ये सभी आठों नौसैनिक उस घटना में शामिल थे।”
#WATCH | On death penalty to 8 ex-Indian Navy personnel in Qatar, MEA Spokesperson Arindam Bagchi says, "This case is now in the court of appeal. And, there have been 3 hearings in the Qatar Court of Appeal. Meanwhile, our ambassador in Doha got consular access to meet all 8 men… pic.twitter.com/F6wfZqtiv5
— ANI (@ANI) December 21, 2023
बता दें कि सभी आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों पर कतर के खिलाफ इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है। कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने आठों पूर्व अफसरों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार हुए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों के नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश है।
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