कहते हैं कि भक्त के बिना भगवान का भी अस्तिव नहीं होता है। भगवान राम का एक भक्त ऐसा भी है जो पिछले कई सालों से राम नाम लिखने और उसके संकलन करने में लगा है। ये भक्त इन नामों को आयोध्या के राम मंदिर में जमा कराएगा। आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अंतिम चरणों में है और 24 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इससे पहले 78 हजार कापियों में राम नाम लिखा हुआ आयोध्या पहुंचेगा।
दरअसल मध्यप्रदेश के शहडोल में एक शख्स ने पिछले 14 वर्षो में 50 करोड़ 15 लाख राम-नाम का संकलन किया है। जिसे वे रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में श्री सीताराम नाम बैंक जमा कराएंगे। इतना ही नही अभी तक वे 29 करोड़ राम-नाम जमा करा चुके हैं।
शहडोल के पुरषोत्तम दास असाटी 14 वर्षो से राम-नाम का लेखन कर रहे है। 2009 से 2017 तक उन्होंने 29 करोड़ राम नाम अयोध्या के श्री सीताराम नाम बैंक में जमा करा चुके हैं। राम नाम लेखन के लिए कापियां भी छपवाई है।1 कॉपी में करीब 11 हजार नाम लिखे जा रहे है। अब तक 78 हजार कापियां छप चुकी है। जिनमें 74 हजार कापियों में रामनाम लिखी जा चुकी है।
जेल में कैदी लिख रहे हैं राम नाम
इस राम नाम लेखन में सबसे बड़ी बात यह है कि इस मुहिम से जेलों में बंद कैदी भी जुड़े हैं। जो खाली समय में राम-नाम का लेखन कर रहे हैं। पुरुषोत्तम दास बताते हैं कि उन्होंने रीवा सेंट्रल जेल, शहडोल जिला जेल में कापियां भेजी थी। जिसमें कैदियों ने राम-नाम लिखकर उन्हें कापियां वापस भेजी है। जिसे जल्द ही अयोध्या में जमा कराया जाएगा।
इस अभियान से न सिर्फ शहडोल बल्कि प्रदेश के कई जिलों के लोग जुड़े हैं। पुरुषोत्तम दास बताते हैं कि उन्हें राम-नाम लिखने की प्रेरणा ओमकारेश्वर के महंत से मिली थी। जिसके बाद उन्होंने इस अभियान को शहडोल से शुरू कर दिया है। वर्तमान में जिले के अलावा उमरिया, अनूपपुर, दमोह, टीकमगढ़, सागर सहित कई जिलों में लोग राम नाम का लेखन कर रहे हैं। इन दिनों 300 सौ भी ज्यादा लोग राम नाम लिख रहे हैं।
राम-नाम लिखने को लेकर पुरुषोत्तम दास बताते हैं कि “उनका मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग राम नाम से जुड़े, राम-नाम से जुड़ने के बाद लोगो के विचार व्यवहार में परिवर्तन होगा और लोग सदमार्ग में चलेंगे। जिससे समाज मे एक बड़ा परिवर्तन होगा।”