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Friday, October 18, 2024
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टीपू सुल्तान की जयंती से पहले बवाल शुरू, कर्नाटक के श्रीरंगपट्‌टनम में धारा 144 लागू

कर्नाटक एक बार फिर से टीपू सुल्तान को लेकर चर्चा में आ गया है। कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती पर होने वाले समारोहों को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मांड्या जिले के श्रीरंगपट्टनम में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

राज्य के श्रीरंगपट्‌टनम में धारा 144 लागू कर दी गई है। अगर धारा 144 के लागू होती है तो इसका मतलब चार या उससे अधिक व्यक्तियों के जुटने पर रोक होती है। श्रीरंगपट्‌टनम वहीं जगह है जहां टीपू सुल्तान का पैलेस और कब्र है। 20 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जाएगी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है।

टीपू सुल्तान की जयंती से पहले प्रशासन अलर्ट

पुलिस प्रशासन ने ये टीपू सुल्तान की जयंती से पहले ये फैसला लिया गया है। इसके चलते सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक जुलूस, विरोध प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही बैनर, लाउडस्पीकर, पटाखों और डीजे के प्रयोग पर भी रोक रहेगी।

नारेबाजी पर लगी रोक

पुलिस के अनुसार इस दौरान नारेबाजी और भड़काऊ चित्र या नारे वाली टी-शर्ट पहनने पर भी बैन लगा दिया गया है। श्रीरंगपट्टनम में टीपू सुल्तान की कब्र और महल है। इसी कब्र में मैसुरु साम्राज्य के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान को दफनाया गया था।

ये है इतिहास

बता दें इतिहास के पन्नों में टीपू सुल्तान के नाम पर विवाद चली आ रही है। विश्व हिंदू परिषद की मांग होती है कि जयंती न मनाया जाए। 20 नवंबर 1750 में कर्नाटक के देवनाहल्ली में जन्मे टीपू का पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। टीपू सुत्लान के पिता मैसूर साम्राज्य के एक सैनिक थे, लेकिन अपनी ताकत के बल पर टीपू 1761 में मैसूर के शासक बने।

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