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Tuesday, June 6, 2023
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Sleeper Vande Bharat: राजधानी-शताब्‍दी से सफर करने वालों की तो हो गई मौज

Sleeper Vande Bharat: अगर आप अक्‍सर ट्रेन से सफर करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। क्योंकि रेलवे की तरफ से यात्र‍ियों अलग-अलग रूट पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन क‍िया जा रहा है। मीड‍िया र‍िपोर्ट में रेलवे की तरफ से स्‍लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की खबर आई थी और अब इस पर रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव की तरफ से इस पर मुहर लगा दी गई है। रेल मंत्री ने कहा क‍ि अगले साल फरवरी-मार्च महीने तक वंदे भारत रेलगाड़ियों के 3 फार्मेट वंदे चेयर कार, वंदे मेट्रो और वंदे स्‍लीपर दिये जाएंगे।

वंदे भारत की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा

रेल मंत्री ने बताया क‍ि आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेन शताब्‍दी, राजधानी और लोकल ट्रेनों की जगह ले लेगी। इन स्‍वदेशी ‘सेमी-हाई स्पीड’ ट्रेनों का निर्माण चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्‍ट्री में किया जा रहा है और वंदे भारत ट्रेनों की अध‍िकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा के लिए अगले 3 से 4 साल में रेल पटरियों को अपग्रेड कर दिया जाएगा।

 

 

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वंदे भारत ट्रेनों के 3 फार्मेट होंगे

रेल मंत्री ने ये भी बताया कि देहरादून से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल तक ‘वंदे भारत ट्रेन के तीन फार्मेट हैं। 100 किमी से कम के सफर के ल‍िए वंदे मेट्रो, 100-550 किमी के लिए वंदे चेयर कार और 550 किमी से ज्‍यादा की यात्रा के लिए वंदे स्लीपर होंगे। 2024 में तीनों फार्मेट फरवरी-मार्च तक तैयार हो जायेंगे।

हर राज्य को म‍िलेगी वंदे भारत की सौगात

बता दें कि देहरादून-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में लगने वाला 6 घंटे 10 मिनट का समय इस ट्रेन के चलने से घटकर साढ़े चार घंटे रह जाएगा। अगले साल म‍िड जून तक हर राज्य को वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलेगी क्योंकि इन ट्रेनों के निर्माण में तेजी लाई जा रही है।

वंदे भारत को 160 किमी प्रति घंटे की ज्यादा गति के साथ तैयार किया गया है लेकिन पटरी की क्षमता के अनुसार 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलेंगी। रेल मंत्री ने ये भी कहा कि पुरानी पटरियों को 70 से 80 किमी प्रति घंटे के बीच की रफ्तार के लिए तैयार किया गया था। इसके साथ ही रेल मंत्री ने कहा कि 2027-28 तक वंदे भारत रेलगाड़ियां 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। ट्रेनों की चपेट में पशु ना आ पाए इसके लिए रेलवे पटरियों के किनारे बाड़ लगाने पर काम कर रहा है। साथ ही रेलवे की तरफ से 4G-5G टावर लगाए जा रहे हैं।

 

 

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