छावनी क्षेत्र में लगातार बढ रहा आवारा जानवरों का आतंक
कानपुर में लगातार बढ रहे आवारा जानवर अब आर्मी के लिए भी मुसीबत बन रहे हैं। कैंट एरिया में आवारा जानवर इतनी बड़ी संख्या में बढ़ गए हैं कि आर्मी को नगर निगम से मदद मांगनी पड़ गई। कैंट बोर्ड के सीईओ अनुज गोयल ने नगर निगम को पत्र लिखकर आवारा जानवरों को पकडने के लिए मदद मांगी है।
वहीं अगर पूरे कानपुर की बात की जाए तो आंकडे बताते हैं कि शहर में करीब ढाई लाख आवारा जानवर हैं जो यहां की 45 लाख की आबादी के लिए मुसीबत बन गए हैं।
सीईओ ने लिखा नगर निगम को लेटर
सीईओ अनुज गोयल के मुताबिक, छावनी एरिया में रहने वाले सिविलियन और आर्मी मैन को घरों व ऑफिस में आने जाने के दौरान आवारा जानवरों के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं इसके साथ ही यातायात भी प्रभावित हो रहा है। फेथफुलगंज, मीरपुर और रेलबाजार में आवारा जानवरों की संख्या 10 हजार से ज्यादा बढ़ गई है, जिसमें आवारा कुत्तों का भी आतंक है। यह आवारा कुत्ते आए दिन लोगों को काटने भी लगे हैं, जिसमें आर्मी के जवान भी षामिल हैं।
कीमत चुकाने के लिए भी तैयार
सीईओ ने नगर निगम को पत्र लिखकर ये भी कहा है कि ये इन आवारा जानवरों को पकडने में जो भी खर्च आएगा वो चुकाने को तैयार हैं। कैंट एरिया के अलावा सिटी की रोड्स पर ढाई लाख से अधिक आवारा कुत्ते लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। जो मुंह और गर्दन के आसपास ज्यादा काटने लगे हैं। इसका सबसे ज्यादा रिकार्ड दर्ज किया गया है। अब एंटी रैबीज वैक्सीन की एक डोज भी नाकाफी हो गई है। पीडित चार डोज लगवाने पर ही संक्रमण से बच पा रहा है।
15 महीने में 13 लोगों ने जान गंवाई
आंकड़े बताते हैं, कानपुर में बीते 15 महीने में आवारा जानवरों ने 13 लोगों की जान ले ली। बीती 16 जनवरी को बर्रा के ई-ब्लॉक में स्थित विश्व बैंक के पास सांड ने घर लौट रहे छात्र राज को मौत के घाट उतार दिया था। इसी तरह रेल बाजार में बीते दिसंबर में 65 साल के बुजुर्ग की सांड के हमले से मौत हुई थी। इसी तरह सांड के हमले से बजरंग दल के नेता प्रखर की मौत हो चुकी है।