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Friday, November 22, 2024
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इलेक्टोरल बॉण्ड पर सुप्रीम फैसला, क्या बोली विपक्षी पार्टियां?

इलेक्टोरल बॉण्ड या चुनावी बॉण्ड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले देते हुए इलेक्टोरल बॉण्ड पर तत्काल रोक लगा दी है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मोदी सरकार को झटका लगेगा। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत कर रही है।

कांग्रेस को जमीन पर खड़ा करने के लिए न्याय यात्रा कर रहे राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा

“नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है।

भाजपा ने इलेक्टोरल बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।

आज इस बात पर मुहर लग गई है।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विट कर लिखा

“चुनावी बॉन्ड योजना की लॉन्चिंग के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया।

हम आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसने मोदी सरकार की इस ‘काला धन रूपांतरण’ योजना को “असंवैधानिक” बताते हुए रद्द कर दिया है।

हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और एफएम ने बीजेपी का खजाना भरने के लिए हर संस्थान – आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95% फंडिंग बीजेपी को मिली.

हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे शरारती विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और सुप्रीम कोर्ट की बात सुनेगी, ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे।”

सुप्रीम कोर्ट के चुनावी बांड पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा

“सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित चुनावी बांड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान दोनों का उल्लंघन माना है। लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। मोदी सरकार चंदादाताओं को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर किसी भी तरह का अत्याचार कर रही है।

हमें यह भी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से भी इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?”

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आदित्य ठाकरे का ट्वीट

“माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक “असंवैधानिक” योजना को रद्द कर दिया गया है!

इसके बाद, महाराष्ट्र को उम्मीद है, असंवैधानिक शासन खत्म हो जाएगा!

चुनावी बांड की अपारदर्शी योजना को ख़त्म करने के आज के निर्णय का तहे दिल से स्वागत करता हूँ।

अब हम आशा करते हैं कि पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और आदेश के प्रत्येक शब्द का समय पर पालन किया जाएगा।”

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