The Kerala Story: द केरल स्टोरी फिल्म को लेकर विवाद उठने के बाद, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में, फिल्म देखने की इच्छा रखने वाले लोगों और फिल्म दिखाने की इच्छा रखने वाले मल्टीप्लेक्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है।
बंगाल में फिल्म से बैन हटाने की मांग
याचिका में फिल्म को बंगाल में बैन हटाने का अनुरोध भी किया गया है। इसमें बताया गया है कि इस बैन से राज्य में अधिक हिंसा और अशांति हो रही है।
भाजपा नेताओं ने दिया फिल्मों का समर्थन
बैंगलोर में फिल्म “द केरल स्टोरी” को बैन कर दिया गया है। भाजपा नेताओं ने इस फैसले का समर्थन किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिसव सरमा ने भी फिल्म देखी है और उन्होंने कहा है कि इस फिल्म को सभी लोगों को उसकी बेटी के साथ देखना चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी आज ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म देखने के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह फिल्म समाज के असली चित्र है जो घटनाओं पर आधारित है, इसलिए इसे बैन करना गलत होगा। उन्होंने कहा कि इस फिल्म से समाज को दिशा मिलेगी, बच्चे सतर्क होंगे। कलाकारों पर बैन लगाना उचित नहीं है।
बंगाल सरकार ने लगाया है बैन
पश्चिम बंगाल सरकार ने द केरल स्टोरी नामक फिल्म को राज्य में बैन कर दिया है। सरकार का मानना है कि इस फिल्म को देखने से लोगों में द्वेष भावना पैदा हो सकती है जिससे राज्य में हिंसा की घटनाएं हो सकती हैं।
लेकिन इस बैन के खिलाफ एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है। इस याचिका में अपील की गई है कि राज्य में इस फिल्म के बैन को हटा दिया जाए और जो लोग इसे देखना चाहते हैं उन्हें सुरक्षा दी जाए।