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40 साल बाद ULFA ने डाले हथियार, गृह मंत्री शाह की मौजूदगी में हुआ शांति समझौता

असम सरकार, केंद्र सरकार और असम के उग्रवादी संगठन ULFA के बीच शांति समझौते पर फाइनल साइन हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसके साथ ही पूर्वोत्तर में शांति युग शुरू हो रहा है।

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गृह मंत्री अमित शाह के मौजूदगी में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम (ULFA), असम सरकार और केंद्र के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। गृह मंत्री ने ULFA के प्रतिनिधियों को इसका श्रेय देते हुए कहा कि उनके प्रयास की वजह से ही यह हो पाया है। उन्होने कहा कि इस समझौते की सभी बातें समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी । बता दें कि इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। बीते 12 साल से केंद्र सरकार अरबिंदा राजखोवा के नेतृत्व वाले गुटगु के साथ बातचीत कर रही थी। बता दें कि उग्रवादी संगठन ULFA का एक गुट अब भी इस शांति समझौते का हिस्सा नहीं है। इसके हेड परेश बरुआ हैं।

2011 के बाद से ही इस संगठन ने नहीं उठाए हैं हथियार

उल्फा के इस धड़े के 20 नेता बीते एक सप्ताह से दिल्ली में ही थे। उल्फा का एक गुट अनूप चेतिया गुटगु का है। यही इस समझौते में शामिल हुआ है। हालांकि कहा जा रहा है कि यह भारत सरकार की बड़ी सफलता है और उग्रवाद को खत्म करने की ओर बड़ा कदम है। साल 2011 के बाद से ही इस संगठन ने हथियार नहीं उठाए हैं। हालांकि यह शांति समझौता इस प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

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