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Thursday, October 17, 2024
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करीब 400 घंटे की जंग के बाद बाहर आए सभी 41 मजदूर, पीएम मोदी हुए भावुक, मजदूरों को मिलेगा एक-एक लाख का चेक

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को करीब 400 घंटे बाद बाहर सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। पहला मजदूर शाम 7.50 बजे बाहर निकाला गया था। 45 मिनट के अंदर यानी रात 8.35 बजे सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। सभी मजदूरों को एक-एक लाख का चेक मिलेगा।

PM मोदी हुए भावुक

सभी मजदूरों के बाहर निकलने के बाद पीएम मोदी भावुक हो गए। भावुक होते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं इन सभी मजदूरों से कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। पीएम मोदी ने सभी मजदूरों के स्वास्थ्य होने की कामना की। पीएम ने कहा कि इन सभी ने साहर और संयम का परिचय दिया।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी दी, ‘सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी जगह पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं।

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल से बाहर आ गए हैं। वे कुछ घंटों पहले खुद मेडिकल बैकअप और हालातों का जायजा लेने के लिए सुरंग के अंदर गए थे। मलवा गिरने वाली जगह से पहले तक लोग आसानी से अंदर-बाहर जा सकते हैं। सीएम धामी अब सुरंग से बाहर निकल आए हैं। जानकारी के मुताबिक सुरंग में फंसे मजदूर जल्दी ही बाहर निकलने वाले हैं।

ड्रिलिंग हुई पूरी
अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान मजदूरों को निकालने के लिए सुरंग के अंदर चले गए हैं। कभी भी मजदूरों के बाहर निकाला जा सकता है। इससे पहले माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया था कि कुछ और मीटर की खुदाई बची है और उम्मीद जताई थी कि 5 बजे तक नतीजे मिल सकते हैं। वहीं बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों ने मजदूरों को परिजनों से कहा है कि उनके कपड़े और बैग तैयार रखिए। जल्द ही अच्छी खबर आने वाली है।


टनल के बाहर एंबुलेंस तैनात
मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के बाद तुरंत उन्हें चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा। इसके लिए मौके पर एंबुलेंस तैनात हैं। इनके लिए कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है, ताकि एंबुलेंस को कोई दिक्कत न हो। बीते 24 नवंबर को जहां मजदूर फंसे हुए हैं वहां से सिर्फ 12 मीटर पहले ही मशीन की ब्लेड्स टूट गई थीं। जिसके बाद रेस्क्यू को रोकना पड़ा था। फिर सेना और रैट माइनर्स को मैन्यूअल ड्रिलिंग के लिए बुलाया गया।

मलबे को ऐसे निकाला जा रहा है बाहर
रैट माइनर्स के 6 सदस्य खुदाई का काम कर रहे हैं। यहां बारी-बारी से पाइप के अंदर जाते हैं, फिर हाथ के सहारे छोटे फावड़े से खुदाई करते हैं और छोटी ट्राली से एक बार में तकरीबन 2.5 क्विंटल मलबा लेकर बाहर आते हैं। पाइप के अंदर इन सबके पास बचाव के लिए ऑक्सीजन मास्क, आंखों की सुरक्षा के लिए विशेष चश्मा और हवा के लिए एक ब्लोअर भी मौजूद है, ताकि अंदर किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।

सीएम ने अधिकारियों को अलर्ट पर रखा
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया है कि फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद अस्पतालों को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। मौके पर डॉक्टर की टीम भी मौजूद है। सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है। अस्पताल में 41 बेड तैयार रखे गए हैं। सीएम धामी ने पीएम मोदी को भी इसकी जानकारी दी।

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